By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 05, 2020
पटना। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने संवादाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि चौतरफा विकास, उन्नत कृषि ,आद्योगिक विस्तार एवं रोजगार के लिए पिछले दो चरणों की तरह तीसरे चरण में भी मतदाता नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनाने के लिए वोट करेंगे। पहले और दूसरे चरण बिहार की जनता ने अभूतपूर्व मतदान किया है। कोरोना को लेकर विपक्ष की आशंकाओं को पूरी तरीके से नकारते हुए एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में अगली सरकार बने इसके रुझान अब तक संपन्न पहले दो चरणों के चुनाव से सामने आने लगे हैं। तीसरे चरण के चुनाव में भी एक बार फिर चौतरफा विकास, पर्यावरण और प्रदूषण की चुनौतियां से निपटने योग्य बिहार, ऐसा बिहार जिसमें किसी भी प्रकार की कोई गैर बराबरी नहीं हो, विकास की रोशनी सब तक पहुंचे, हर खेत को पानी, हर गांव में सोलर लाइट और लोगों एवं नौजवानों को रोजगार मिल सके, औद्योगिक विस्तार यह आने वाले बिहार की जो परिकल्पना है बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सात निश्चय पार्ट 2 के जरिए यह बताया है।
इस विकास को समझने के लिए दृष्टि की आवश्यकता है जो शायद लोजपा प्रमुख चिराग पासवान एवं राजद नेता तेजस्वी यादव के पास नहीं है। इन दोनों के पास पैनापन है ही नहीं और ना जनता से जुड़े मुद्दों को समझने का माद्दा है। इसीलिए जो अभूतपूर्व, अकल्पनीय और अद्वितीय विकास की पृष्ठभूमि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में रखी गई है उस पर अनावश्यक बयान इन दोनों नेताओं ने जारी किया हैं। एक तरफ तो चिराग पासवान का खेल खत्म हो चुका है। इस पूरे चुनाव में लोजपा एक वोट कटवा पार्टी के रूप में सामने आई हैं जिसे जनता ने सिरे से खारिज कर दिया है। और दूसरी तरफ तेजस्वी यादव के बड़बोले वादों की भी जनता ने हवा निकाल दी है। एक बात तो बिल्कुल स्पष्ट है रोजगार के नाम पर जो पार्टी दस लाख नौकरी देने की बात करती है और इसी वायदे के साथ वह झारखंड में सत्ता में आई थी लेकिन आज तक ना तो किसी नौजवान को नौकरी मिली और ना ही बेरोजगारी भत्ता मिला। लालू यादव के रेल मंत्रित्व कार्यकाल में नौकरियों को देने के बदले लोगों से पैसे लिए गए या उनसे उनकी जमीन लिखवा लेने का जो आरोप लगा है वह भी तेजस्वी यादव के वायदे को कटघरे में खड़ा करता है। उनके 18 महीने के उप मुख्यमंत्री के कार्यकाल में भी ना तो उनके द्वारा ना ही उनके भाई के द्वारा और ना ही उनके पार्टी के मंत्रीयों के द्वारा किसी को भी नौकरी नहीं दी गई। 15 वर्षों के लालू जी एवं राबड़ी देवी के कार्यकाल की हकीकत से पूरा बिहार वाकिब है जिसमें केवल 95 हजार नौकरियां दी गई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के कार्यकाल में छह लाख से अधिक नौकरियां दी गई हैं और आने वाले समय के लिए हम एक वादे के साथ आ रहे हैं कि पूरे बिहार में मेगा स्किल सेंटर्स और औद्योगिक विस्तार के साथ-साथ कृषि के तीसरे रोड मैप और जो इस क्षेत्र के विकास को लेकर डेडिकेटेड बिजली का फीडर और 65 पैसे प्रति यूनिट बिजली देने का वादा है उससे बिहार का पूरी तरह से कायाकल्प हो जाएगा। झूठे वादों के बल पर जो लोग बिहार की जनता को गुमराह करना चाहते हैं उन्हें बदल रहे इस बिहार में 58 वर्षों तक लोगों के घर में नल का जल नहीं पहुंचाने का, नालियां नहीं बनाने का और सड़कों को लेकर गड्ढे में सड़क या सड़क में गड्ढा ऐसे जो अपमानजनक जो तथ्य बिहार के साथ उनके कार्यकाल में जुड़े थे उससे बाहर निकलते हुए बिहार ने विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। जनता परिपक्व है उन्होंने पहले दो चरणों में सोच समझ कर फैसला लिया है और आने वाले तीसरे चरण में भी पूरे दमखम के साथ नीतीश कुमार के चेहरे पर विश्वास करेगी और उन्हीं के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनाने के लिए वोट करेंगी।
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अल्पसंख्यक समुदाय के उत्थान एवं उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए कृत संकल्पित है। जहां 2004-05 में अल्पसंख्यक कल्याण के लिए बजटीय प्रवधान मात्र 3.45 करोड़ का था वही उसके उलट 2018-19 में हमारी सरकार में 438 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया। अल्पसंख्यक समुदाय के उत्थान के लिए हमने अल्पसंख्यक रोजगार योजना, हुनर योजना, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक छात्रावास योजना नई रोशनी योजना, मुख्यमंत्री श्रम शक्ति योजना सहित कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। हमारी सरकार द्वारा मदरसों के आधुनिकीकरण भी किया गया है।