Prabhasakshi NewsRoom: Gehlot ने आईना दिखाने वाले मंत्री Rajendra Singh Gudha को दिखा दिया मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता

By नीरज कुमार दुबे | Jul 22, 2023

राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में निरंतर वृद्धि हो रही है जिसको देखते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साध रही है लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं कि हमारी सरकार के कार्यकाल में महिला सुरक्षा पर खास ध्यान दिया गया है। गहलोत सरकार यह मानने को ही तैयार नहीं है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में राजस्थान देश में नंबर एक पायदान पर पहुँच चुका है। परन्तु जब राजस्थान के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा में अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए और राजस्थान में महिलाओं पर जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं उसको देखते हुए मणिपुर की बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।


भाजपा हुई हमलावर


राजेंद्र गुढ़ा की ओर से विधानसभा में दिये गये बयान के चलते भाजपा को गहलोत सरकार पर और हमलावर होने का मौका मिल गया। भाजपा ने कहा कि राजस्थान में बहन-बेटियों के ऊपर हो रहे अत्याचारों व दुष्कर्म की असलियत स्वयं सरकार के मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा बता रहे हैं। संविधान के अनुच्छेद 164(2) के अनुसार मंत्रिमंडल सामूहिक उत्तरदायित्व के आधार पर काम करता है और मंत्री का बयान पूरे मंत्रिमंडल यानी सरकार का माना जाता है।

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मुख्यमंत्री ने की सख्त कार्रवाई


दूसरी ओर, विवाद बढ़ता देख राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार रात प्रदेश के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त कर दिया। राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि गुढ़ा को बर्खास्त करने के बारे में मुख्यमंत्री की अनुशंसा को राज्यपाल ने तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। हम आपको बता दें कि शुक्रवार को विधानसभा में राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर तख्तियां लहराईं थीं जिसके बाद मंत्री गुढ़ा ने यह बयान दिया। बर्खास्त किये जाने के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें सच बोलने की सजा मिली है। उन्होंने कहा ‘‘महिलाओं के खिलाफ अपराध में राजस्थान नंबर एक स्थान पर है। मैंने क्या गलत कहा? मुझे सच बोलने की सज़ा मिली।'


राजेंद्र गुढ़ा के विवादित बयान


हम आपको बता दें कि गुढ़ा के पास सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होम गार्ड एवं नागरिक सुरक्षा (स्वतंत्र प्रभार), पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग था। राजेंद्र गुढ़ा उन छह विधायकों में से एक हैं जिन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीता था, लेकिन बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए। गुढ़ा को अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। गुढ़ा और अन्य विधायकों ने जुलाई 2020 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की बगावत के कारण राजनीतिक संकट के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का समर्थन किया था। हालांकि बाद में गुढ़ा खुलकर सचिन पायलट का समर्थन करते नजर आए और अपने कई बयानों से विवादों में रहे। कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार, कर्नाटक की सरकार का जो 40 प्रतिशत भ्रष्टाचार का मामला था उससे पार जा रही है। उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।


राजस्थान की महिलाओं का प्रदर्शन


जहां तक राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध की बात है तो प्रियंका गांधी भले इस पर चुप्पी साधे रहें लेकिन राजस्थान की महिलाएं अब कांग्रेस नेतृत्व से सीधे सवाल कर रही हैं। मध्य प्रदेश में ग्वालियर के एक दिवसीय दौरे पर आईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को शुक्रवार को पड़ोसी राज्य राजस्थान से आई कुछ महिलाओं के विरोध का सामना करना पड़ा। ये महिलाएं पोस्टर लिए हुई थीं जिनमें लिखा था कि राजस्थान में महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। यह घटना उस वक्त हुई, जब वाद्रा यहां झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करके पार्टी द्वारा कुछ दूरी पर मेला मैदान में आयोजित जन आक्रोश रैली में शामिल होने के लिए अपने वाहन में बैठ रहीं थी। इस दौरान इन महिलाओं ने कांग्रेस और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के विरोध में नारे भी लगाए। हालांकि, पुलिस बल ने इन महिलाओं को वाद्रा के पास नहीं पहुंचने दिया और वाद्रा मेला मैदान रैली को संबोधित करने चली गई। राजस्थान के भरतपुर से आई निर्मला ने बताया, ‘‘प्रियंका गांधी को महिलाओं पर अत्याचार देखने के लिए राजस्थान भी आना चाहिए। वहां महिलाओं की खराब स्थिति के बारे में बताने के लिए हमें यहां आकर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा।’’ प्रदर्शन कर रही एक अन्य महिला रितु बनावत ने कहा, ''‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’, कहना आसान है। प्रियंका राजस्थान में आकर देखें कि महिलाओं पर कितना अत्याचार हो रहा है। अखबार के हर पेज पर महिला अत्याचार की खबर होती है, लेकिन प्रियंका गांधी ने इस पर चुप्पी साध रखी है।’’

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