By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 14, 2020
जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज चल रहे खेमे द्वारा सदन में शक्ति परीक्षण कराए जाने की मांग की जा रही है। विधायक दीपेंद्र सिंह के बाद अब मुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले मंत्री रमेश मीणा ने भी यह मांग की है। मीणा ने कहा है कि सदन में शक्ति परीक्षण से साफ हो जाएगा कि अशोक गहलोत सरकार के साथ कितने विधायक हैं। मीणा ने मंगलवार को कहा, ‘‘ सदन में शक्ति परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) होना चाहिए। इससे उस दावे की पोल खुल जाएगी कि अशोक गहलोत सरकार को 109 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।’’
पायलट के करीबी मीणा उन 19 विधायकों में से हैं जो सोमवार तथा मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। हालांकि मीणा ने इससे ज्यादा कुछ नहीं बोला। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत ने भी सोमवार को मांग की थी कि राजस्थान विधानसभा में जल्द से जल्द शक्ति परीक्षण हो ताकि यह स्पष्ट हो सके कि सचिन पायलट के समर्थन में कितने विधायक है। राज्य में जारी राजनीतिक उठा-पटक के बीच कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को दावा किया था कि कुल मिलाकर 109 विधायकों का समर्थन अशोक गहलोत सरकार को हासिल है। इनमें कांग्रेस के साथ-साथ निर्दलीय व कुछ अन्य दलों के विधायक शामिल हैं।
कांग्रेस के एक और विधायक मुरारी लाल मीणा जो पायलट के करीबी माने जाते हैं, उन्होंने भी मुख्यमंत्री गहलोत पर कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। मीणा ने ट्वीट किया, ‘‘ जिन नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पांच वर्ष मेहनत की उनकी उपेक्षा अशोक गहलोत द्वारा की गई।‘‘ मीणा ने कहा कि पूर्वी राजस्थान ने विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीट दी, जिन समाजों ने वोट दिए उनकी उपेक्षा की जा रही है। चुनावी वादे पूरे नहीं हो पा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक दल की मंगलवार को यहां फिर बैठक हो रही है।