भारतीय रेलवे ने मौजूदा वित्त वर्ष में डीजल समेत उच्च मूल्य वाले सामान की खरीदारी में करीब 1500 करोड़ रुपए की बचत करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है। रेलवे रेल के डिब्बों एवं इंजनों, सिग्नल, ईंधन और पटरियों की मरम्मत एवं निर्माण की आवश्यकता को पूरा करने के लिए प्रतिवर्ष 50000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की सामग्री खरीदता है। खरीदारी में महत्वपूर्ण बचत का लक्ष्य रखते हुए रेलवे ने ‘खरीदारी एवं उपभोग दक्षता अभियान’ शुरू किया है।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘अहम बचत करने और वस्तुओं एवं सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने के लक्ष्य से अभियान शुरू किया गया है। इसके लिए यह आवश्यक है कि सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं के अनुसार हमारी खरीदारी प्रक्रियाओं को ढाला जाए।’’ वर्ष 2017-18 में कम से कम 10 प्रतिशत लागत बचत करने का लक्ष्य है और इसके लिए हाई स्पीड डीजल (एचएसडी) समेत कुल 20 वस्तुओं को चिह्नित किया गया है। रेलवे एक वर्ष में 15000 करोड़ रुपए का एचएसडी खरीदती है। रेलवे डीजल के विकल्प को अपनाने की व्यवहार्यता पर भी विचार कर रहा है।