By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 27, 2019
पुणे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरबीआई का आरक्षित धन चुराने’ के कांग्रेस के आरोप पर मंगलवार को कड़ी प्रतिक्रिया जतायी। उन्होंने कहा कि वह ऐसे आरोपों की परवाह नहीं करतीं और विपक्षी नेता को ऐसे आरोप लगाने से पहले पूर्व में वित्त मंत्री रहे अपनी पार्टी के लोगों से बात कर लेनी चाहिए थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरबीआई की ओर से सरकार को रिकार्ड नकद धन हस्तांतरित करने के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को स्वयं पैदा किए हुए आर्थिक संकट के समाधान का रास्ता पता नहीं है। इसी संदर्भ में कांग्रेस नेता ने सरकार पर केंद्रीय बैंक से धन चोरी का आरोप लगाया।
इसे भी पढ़ें: राहुल गांधी पर भाजपा का हमला, कहा- कश्मीर मुद्दे पर पार्टी में ही अलग-थलग पड़े
उन्होंने जीएसटी (माल एवं सेवा कर) पर एक बैठक के दौरान अलग से कहा कि कांग्रेस को आरबीआई के बारे में इस प्रकार के आरोप लगाने से पहले वित्त मंत्री रह चुके अपनी पार्टी के लोगों और वरिष्ठ नेताओं से बातचीत कर लेनी चाहिए थी। वे चोरी का आरोप जैसे बयान देकर निष्कर्ष पर पहुंच रहे हैं और मैं इसे बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाहती। रिजर्व बैंक के सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये अंतरित करने के निर्णय के एक दिन बाद यह टिप्पणी आयी है। सीतारमण ने यह भी कहा कि अतिरिक्त पूंजी का निर्धारण करने के लिये बिमल जालान समिति का गठन करने वाले आरबीआई की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना ‘चिंताजनक’ संकेत है।
इसे भी पढ़ें: RBI से जुड़ा निर्णय भारत की अर्थव्यवस्था के गहरे संकट में होने का प्रमाण: आनंद शर्मा
उन्होंने कहा कि समिति में चर्चित लोग थे और इस प्रकार के आरोप विचित्र है। वित्त मंत्री ने कहा कि समिति का गठन आरबीआई ने किया था और उसके भरोसेमंद होने को लेकर सवाल उठाना विचित्र है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने आरबीआई से मिले कोष के उपयोग के बारे में निर्णय नहीं किया है। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार बजट में अधिशेष के रूप में आरबीआई से 90,000 करोड़ रुपये लेने की बात कही गयी है। इस धन का उपयोग सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि को गति देने में की जा सकती है।