By अभिनय आकाश | Oct 15, 2024
लोकसभा चुनाव 2019 के उद्घोष के वक्त जब राहुल ने बड़े बेमन से 'हम सब मिलकर भाजपा को हराएंगे' कहा था तो न तो राहुल को और न ही कांग्रेस को और न ही देश को यह उम्मीद थी कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में मोदी को हरा देगी। लेकिन यह सबको लग रहा था कि वो पहले से बेहतर प्रदर्शन करेगी। लेकिन राहुल आज तक कोई चुनाव नहीं जीतने वाली स्मृति ईरानी के हाथों अमेठी तक गंवा बैठे तो उनकी साख और साहस दोनों ने जवाब दे दिया। फिर ऐसा लग रहा था कि राहुल गांधी दक्षिण भारत की राजनीति पर ही फोकस करेंगे। 2021 के केरल विधानसभा चुनाव के दौरान लोगों की राजनीतिक समझदारी पर उनका बयान भी ऐसे ही इशारे कर रहा था। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उत्तर भारत का मोर्चा प्रियंका और दक्षिण की कमान राहुल संभालेंगे। लेकिन 2024 के नतीजों ने सारे समीकरण ही बदल कर रख दिए। अब राहुल गांधी उत्तर भारत लौट आये हैं और प्रियंका की दक्षिण की राजनीति में एंट्री हो सकती है।
क्या वायनाड से लड़ेंगी प्रियंका
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने घोषणा की कि वायनाड लोकसभा उपचुनाव 13 नवंबर को होगा। वायनाड एकमात्र संसदीय क्षेत्र है जहां 47 अन्य विधानसभा क्षेत्रों के साथ उपचुनाव कराए जाएंगे। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर है और उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख 30 अक्टूबर है। वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी और नतीजे भी उसी दिन घोषित किए जाएंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र को बरकरार रखने के पक्ष में वायनाड लोकसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद वायनाड में उपचुनाव हो रहे हैं। इस सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की उम्मीद है। यह प्रियंका का चुनावी डेब्यू होगा।
2026 विधानसभा चुनाव पर भी नजर
कांग्रेस के हिसाब से वायनाड में लड़ाई एकतरफा है। लगातार दो लोकसभा चुनाव के नतीजे भी सबूत हैं। कांग्रेस केरल में अगले चुनाव में प्रियंका गांधी के सहारे यूपी जैसा ही प्रयोग करने की सोच रही है। केरल में 2026 में विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं। यानी कुल दो साल बचे हैं. विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए इतना वक्त काफी होता है। तैयारी तो प्रियंका गांधी के वायनाड के कैंपेन से ही शुरू हो जाएगी। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के 10 साल के शासन के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर भी हो सकती है, जिसका कांग्रेस फायदा उठाना चाहेगी।