By अभिनय आकाश | Feb 27, 2023
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर पर निशाना साधते हुए पूछा कि "किस तरह की देशभक्ति और राष्ट्रवाद" ने मंत्री को यह कहने के लिए मजबूर कर दिया कि भारत चीन के साथ लड़ाई नहीं कर सकता क्योंकि चीनी अर्थव्यवस्था हमसे बड़ी है। गांधी ने यह आरोप लगाते हुए एक बार फिर पीएम को निशाने पर लिया कि मोदी हिंडनबर्ग-अडानी मुद्दे पर उनके सवालों का जवाब देने से इनकार कर रहे हैं और मंत्री समूह को "बचाने की कोशिश" कर रहे हैं क्योंकि "अडानी जी और मोदीजी एक हैं। उन्होंने समूह की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से की।
रायपुर अधिवेशन को संबोधित करते हुए गांधी ने सीमा विवाद पर मंत्री जयशंकर की टिप्पणी पर चुटकी लेते हुए कहा, ''इस सरकार की सोच देखिए। कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में एक मंत्री ने कहा था, चीन की अर्थव्यवस्था भारत की अर्थव्यवस्था से बड़ी है और कैसे? क्या हम उनसे लड़ सकते हैं? जब अंग्रेजों ने हम पर शासन किया था, तो क्या इसकी (ब्रिटिश) अर्थव्यवस्था हमसे छोटी थी? इसका (मंत्री की टिप्पणी) मतलब है कि जो मजबूत हैं उनसे कभी न लड़ें और केवल कमजोरों से लड़ें। इसे कायरता कहा जाता है, सावरकर के सामने झुकने की विचारधारा द पावरफुल... क्या इसे राष्ट्रवाद कहते हैं...देशभक्ति?ये कैसी देशभक्ति और राष्ट्रवाद है?"
पलटवार में एस जयशंकर ने बिना नाम लिए 1962 के युद्ध का जिक्र करते हुए चीन से पराजय का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने जवानों को एलएसी पर पूरी तैयारी के साथ भेजा है। जबकि, पहले जवानों को बिना तैयारी के भेजा गया और उसका नतीजा हम देख चुके हैं। उन्होंने आश्वासन देते हुए आगे कहा कि मैं आपको बता सकता हूं कि पूरी दुनिया ने इस पर ध्यान दिया है। जयशंकर ने पिछले सप्ताह एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा था, "देखिए वे (चीन) बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। मैं क्या करने जा रहा हूं? एक छोटी अर्थव्यवस्था के रूप में, मैं बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ लड़ाई करने जा रहा हूं?" यह प्रतिक्रियावादी होने का सवाल नहीं है, यह सामान्य ज्ञान का सवाल है।