तिरूवनंतपुरम से लगातार तीसरी बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थरूर ने कहा कि पार्टी के पास हाथ पर हाथ रखकर बैठने का समय बिल्कुल नहीं है और अब उसे आगामी विधानभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाना चाहिए। इस साल के आखिर में झारखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं। गौरतलब है कि इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 52 सीटों पर सिमट गई है। इस चुनावी हार के कारण राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं और ऐसे में कई जानकार कांग्रेस के भविष्य को लेकर सवाल खड़े करने लगे हैं।
थरूर ने कहा कि कांग्रेस अब भी देश में भाजपा के खिलाफ सबसे भरोसेमंद विकल्प है और आशा है कि वह राहुल गांधी के नेतृत्व में अपना संदेश पूरे देश में लेकर जाएगी। उनके मुताबिक, आजादी के बाद से पार्टी को आगे बढ़ाने में योगदान के कारण गांधी-नेहरू परिवार का कांग्रेस के भीतर रुतबा और सम्मान बना रहेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गांधी ने आगे बढ़कर कांग्रेस का नेतृत्व किया है और वह पार्टी को बहुत कुछ दे सकते हैं। राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने कहा कि मीडिया में लोकसभा चुनाव की हार का ठीकरा राहुल गांधी के सिर फोड़ने की कोशिश हो रही है जो अनुचित है। उन्होंने कहा, ‘‘राहुल ने पूरे साहस के साथ हार की जिम्मेदारी स्वीकार की है, हालांकि जो भी गलत हुआ है उसके लिए हम सभी जिम्मेदार हैं और आगे पार्टी को फिर से खड़ा करने की जिम्मेदारी हम सब की है।’’
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यह पूछे जाने पर कि क्या गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति अध्यक्ष बन सकता है तो थरूर ने कहा कि कांग्रेस में दूसरे नेता भी प्रमुख पदों पर जा सकते हैं और कांग्रेस की तरफ से पिछले दो प्रधानमंत्री इस परिवार से बाहर के लोग रहे हैं। ‘स्वराज इंडिया’ के नेता योगेंद्र यादव के ‘‘कांग्रेस को खत्म हो जाना चाहिए’’ संबंधी बयान से पूरी असहमति जताते हुए थरूर ने कहा कि कांग्रेस के पास देश को देने के लिए बहुत कुछ है और यह पार्टी पूरी तरह से अस्तित्व में है।