राहुल गांधी को एनएमपी से छह लाख करोड़ रुपये का निवेश आने से दिक्कत है: भाजपा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 24, 2021

नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विभिन्न क्षेत्रों में अवसंरचनाओं के मौद्रिकरण के जरिए छह लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि उगाहने के केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना के लिए कांग्रेस पर पलटवार करते हुए मंगलवार को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों द्वारा विभिन्न संपत्तियों के मौद्रिकरण के प्रयासों की याद दिलाई और सवाल किया कि क्या उस वक्त वह देश ‘‘बेचने’’ का प्रयास कर रही थी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को दिक्कत इस बात से है कि इस योजना से छह लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आएगा। उन्होंने कांग्रेस नेता पर केंद्र सरकार की छवि खराब करने का भी आरोप लगाया।

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राहुल गांधी ने राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) की घोषणा को युवाओं के ‘भविष्य पर हमला’ करार देते हुए मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 70 साल में बनी देश की पूंजी को अपने कुछ उद्योगपति मित्रों के हाथों में बेच दिया। उन्होंने यह दावा भी किया कि कुछ कंपनियों को यह ‘उपहार’ देने से उनका एकाधिकार बनेगा जिस कारण देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल पायेगा। ईरानी ने कहा कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन संपत्तियों का मौद्रिकरण किया जा रहा है उसका मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘इस व्यक्ति की राजनीति पाखंड से शुरु होती है, अहंकार से आगे बढ़ता है और अवमानना से समाप्त होती है।’’

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उन्होंने कहा कि राहुल ने आज इन तीनों का एक बार फिर प्रदर्शन किया है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि इससे उनका राजनीतिक पाखंड एक बार फिर प्रदर्शित हुआ। ईरानी ने कहा कि महाराष्ट्र की सरकार में कांग्रेस भी शामिल है और वहां की सरकार ने मुंबई-पुणे राजमार्ग को 8000 करोड़ रुपये में मौद्रिकरण किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के आरोपों के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने इसे बेच दिया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए वर्ष 2008 में एक प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) जारी किया था और 2006 में हवाईअड्डों का निजीकरण आरंभ किया था। उन्होंने पूछा, ‘‘...तो राहुल गांधी का यही आरोप है कि एक सरकार, जिसकी मुखिया उनकी मां थीं, ने रेल, सड़क और हवाईअड्डों को बेच दिया।’’ ज्ञात हो कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में सोनिया गांधी पर सरकार चलाने को लेकर आरोप लगते रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि राहुल गांधी ने दावा किया है कि उन्होंने कोविड-19 के खतरों को लेकर भी सरकार को आगाह किया था, ईरानी ने कहा कि जिस संसदीय क्षेत्र का राहुल गांधी ने 15 सालों तक प्रतिनिधित्व किया वहां एक जिला अस्पताल और सीटी स्कैन की मशीन तक नहीं थी। ज्ञात हो कि ईरानी अमेठी से सांसद हैं।

उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को वहां से पराजित किया था। अमेठी को गांधी-नेहरू परिवार का गढ़ माना जाता रहा है। ईरानी ने दावा किया कि कोविड-19 संकट का सामना करने के लिए मोदी सरकार ने पीपीई किट से लेकर तमाम स्वास्थ्य ढांचों का निर्माण कराया। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्षी दल एक ‘‘नॉन-परफार्मिंग एसेट’’ (गैर निष्पादित संपत्ति) हो गई है, जिसका ना बाहर कहीं भाव है ना अंदर वाले इसका कोई मोल लगा रहे हैं। नकवी ने यहां पत्रकारों से चर्चा में कांग्रेस को ‘‘दुखी, दिवालिया परिवार’’ और ‘‘भ्रम व विरोधाभास’’ का चैंपियन करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और भाजपा देश का निर्माण करने में लगी हुई है वहीं कांग्रेस देश को तोड़ने में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बारे में कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि ‘‘आपको शुभकामनाएं और आप जल्द स्वस्थ हों’’। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को छह लाख करोड़ रुपये की एनएमपी की घोषणा की। इसके तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डे, सड़कें और स्टेडियम का मौद्रिकरण किया जाना शामिल हैं। इन बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी कंपनियों को शामिल करते हुए संसाधन जुटाये जायेंगे और संपत्तियों का विकास किया जायेगा।

निजी निवेश हासिल करने के लिए चेन्नई, भोपाल, वाराणसी एंव वडोदरा सहित भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के करीब 25 हवाई अड्डे, 40 रेलवे स्टेशनों, 15 रेलवे स्टेडियम और कई रेलवे कॉलोनी की पहचान की गयी है। इन्हें निजी क्षेत्र के निवेश से विकसित किया जायेगा। योजना के तहत, निजी कंपनियां इन्विट मार्ग का इस्तेमाल करके एक निश्चित मुनाफे के लिए परियोजनाओं में निवेश कर सकती हैं। इसके अलावा इन परिसंपत्तियों को सरकारी एजेंसी को वापस करने से पहले एक निश्चित अवधि के लिए परिसंपत्तियों का संचालन और विकास कर सकती हैं। इसके तहत गोदाम और स्टेडियम जैसी कुछ संपत्तियां भी संचालन के लिए लंबी अवधि के पट्टे पर दी जा सकती हैं।

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