By अभिनय आकाश | Jul 24, 2021
मुझसे पूछो तुम्हें ख़बर क्या है
आम के आगे नेशकर क्या है
एक दिन यूं भी हुआ कि ग़ालिब अपने दोस्तों के साथ आम का लुत्फ़ ले रहे थे। कि तभी वहां से एक गधा गुज़रा और रास्ते में पड़े आम को बिना खाए छोड़ गया। इसे देखकर मिर्ज़ा साहब के एक दोस्त ने पूछा कि, "मियां, आम में ऐसा क्या है? ये तो गधे भी नहीं खाते। मिर्ज़ा साहब एक तो आम के प्रेमी और उस पर हाज़िरजवाब, तुरंत बोले "मियां, जो गधे हैं वही नहीं खाते"। लेकिन आज बात गालिब की नहीं राहुल गांधी की करेंगे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश के आम पसंद नहीं आ रहे हैं। ये बात सामने आने के बाद से ही आम की मिठास सियासी खटास में तब्दील हो गई है। राहुल गांधी को फलों के राजा आम पसंद तो हैं लेकिन यूपी के नहीं आंध्र प्रदेश के आम। राहुल के इस बयान को लेकर फलों के राजा आम को लेकर यूपी की सियासत गर्मा गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए कह दिया कि आपका टेस्ट ही विभाजनकारी है।
राहुल को यूपी नहीं आंध्र का आम पसंद
दरअसल, राहुल गांधी से एक पत्रकार ने पूछा कि क्या उन्हें यूपी के आम पसंद हैं तो इसपर जवाब देते हुए राहुल ने कहा कि उन्हें यूपी के नहीं, आंध्र प्रदेश के आम पसंद हैं। ये टेस्ट की बात है। लंगड़ा फिर भी खा सकते हैं। दशहरी में लिए काफी मीठा है।
योगी बोले- फल के स्वाद को भी आपने क्षेत्रवाद की आग में झोंक दिया
राहुल के बयान के बाद बीजेपी की तरफ से ताबड़तोड़ हमले शुरू हो गए। सीएम योगी ने राहुल को ट्विटर पर कड़ा जवाब देते हुए लिखा- आपका 'टेस्ट' ही विभाजनकारी है। आपके विभाजनकारी संस्कारों से पूरा देश परिचित है। आप पर विघटनकारी कुसंस्कार का प्रभाव इस कदर हावी है कि फल के स्वाद को भी आपने क्षेत्रवाद की आग में झोंक दिया। लेकिन ध्यान रहे कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत का 'स्वाद' एक है।