सितंबर के महीने में राहु-केतु का राशि परिवर्तन होगा। ज्योतिषशास्त्र में पाप ग्रह के रूप में मान्य राहु और केतु हमेशा साथ-साथ ही राशि परिवर्तन करते हैं। 23 सितंबर को राहु शुक्र की राशि वृष में और केतु मंगल की राशि वृश्चिक में आएंगे। ज्योतिषशास्त्र में राहु-केतु को छाया ग्रह माना गया है। राहु-केतु अगर बिगड़ जाएं तो जिंदगी को नरक बना देते हैं और अगर देने पर आएं तो गरीब को भी राजा बना देते हैं। इसलिए इन दोनों का राशि परिवर्तन कई लोगों के लिए राहत लेकर आएगा तो कुछ राशियों कों परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इन दोनों ग्रहों के गोचर से राशि जातकों के साथ ही राज और प्रशासन पर असर देखने को मिलेगा। मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक राशि वालों के लिए लाभदायी रहेगा। वहीं अन्य राशियों के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। राहु ग्रह 23 सितंबर को सुबह 5:28 मिथुन राशि से वृष राशि में गोचर करेगा। यहां 12 अप्रैल 2022 तक स्थित रहेगा। राहु का यह राशि परिवर्तन इस साल की सबसे बड़ी ज्योतिषीय घटनाओं में से एक होगी। इसी प्रकार, केतु का गोचर 23 सितंबर को ही सुबह 7:38 बजे धनु राशि से वृश्चिक राशि में होगा। यहां 12 अप्रैल 2022 सुबह 8:44 बजे तक रहेगा। इसका कई राशियों पर शुभ और अशुभ दोनों तरह का प्रभाव पड़ेगा। इसे मंगल का छाया ग्रह माना जाता है।
वैदिक ज्योतिष में राहु ग्रह का महत्व
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु एक अशुभ ग्रह है। हालांकि अन्य ग्रहों की तुलना में (केतु को छोड़कर) इसका कोई वास्तविक आकार नहीं है। इसलिए राहु को छाया ग्रह कहा जाता है। स्वभाव के अनुसार, राहु को पापी ग्रह की संज्ञा दी गई है। आमतौर पर कुंडली में राहु का नाम सुनते ही लोगों के मन में भय उत्पन्न हो जाता है। परंतु कोई भी ग्रह शुभ या अशुभ नहीं होता है बल्कि उसका फल शुभ-अशुभ होता है। यदि कुंडली कोई ग्रह मजबूत स्थिति में होता है तो वह शुभ फल देता है। राहु को किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है। वहीं जब कमजोर स्थिति में होता है तो उसके फल नकारात्मक मिलते हैं। यहां हम राहु ग्रह की बात कर रहे हैं। राहु को अशुभ फल देने वाला ग्रह माना जाता है। लेकिन यह पूर्ण रूप से सत्य बात नहीं है। राहु कुंडली में शुभ होने पर शुभ फल भी देता है। इसके शुभ फल से व्यक्ति धनवान और राजयोग का सुख भी प्राप्त करता है।
वैदिक ज्योतिष में केतु ग्रह का महत्व
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष में केतु ग्रह को एक छाया ग्रह माना गया है। इसे छाया ग्रह इसलिए कहा जाता है क्योंकि केतु का अपना कोई वास्तविक रूप या आकार नहीं है। यह मोक्ष, अध्यात्म और वैराग्य का कारक है और एक रहस्यमी ग्रह है। इसलिए जब केतु किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ होता है तो वह उस व्यक्ति की कल्पना शक्ति को असीम कर देता है। जबकि अशुभ होने पर यह इंसान का सर्वनाश कर सकता है। केतु ग्रह किसी भी राशि का स्वामी नहीं होता है। लेकिन धनु राशि में यह उच्च और मिथुन राशि में नीच का होता है।
प्रदेश व देश के विकास में सहायक होगा
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि अंक ज्योतिष के अनुसार 2020 का मूलांक 4 आता है। इसके राशि स्वामी राहु है। राहु का असर कोरोना वायरस से भी जुड़ा दिख रहा है। ऐसे में इसके राशि परिवर्तन से कोरोना का असर न्यूनतम स्थिति में आने की संभावना है राहु के राशि परिवर्तन से कोरोना का असर न्यूनतम स्थिति में आने की संभावना है। राहु के राशि परिवर्तन से अचानक लाभ, अचानक कष्ट या नुकसान देखने को मिल सकता है। प्रदेश व देश के विकास में सहायक होगा तो सत्ता पक्ष में बेचैनी बढ़ाएगा। राहु में जहां शनि के गुण होते हैं तो केतु में मंगल के गुण है।
उल्टी चाल चलने वाला ग्रह है राहु-केतु
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि ये दो ऐसे ग्रह हैं जिन्हें ज्योतिषशास्त्र के तहत छाया ग्रहों का नाम दिया गया है। खगोलीय दृष्टि से भले ही ये दो ‘ग्रह’ ना माने गए हों लेकिन ज्योतिषशास्त्र में इन्हें महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान किया है। ये दो ऐसे ग्रह हैं जिन्हें शुरुआत से ही वक्री यानि उल्टी चाल चलने वाला ग्रह माना जाता है। ग्रहों को मुख्य रूप से शुभ और क्रूर ग्रहों की श्रेणी में बांटा गया है। इनमें राहु-केतु को क्रूर ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। जब राहु और केतु की युति होती है तब जातक को बड़े परिणाम देखने को मिल सकते हैं। वर्ष यानि 2020 राहु का साल है और इसी साल राहु केतु अपना राशि परिवर्तन करने जा रहा है, जो प्रमुख घटना है।
क्या है राहु-केतु
पौराणिक ग्रंथों में राहु एक असुर हुआ करता था। जिसने समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत की कुछ बूंदे पी ली थी। सूर्य और चंद्रमा को तुरंत इसकी भनक लगी और सूचना भगवान विष्णु को दी। इसके पश्चात अमृत गले से नीचे उतर गया और भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया।इस कारण उसका सिर अमरता को प्राप्त हो गया जो राहु कहलाया, धड़ केतु बना। सूर्य व चंद्रमा से राहु की शत्रुता का कारण भी यही माना जाता है। मान्यता है कि इसी शत्रुता के चलते राहु सूर्य व चंद्रमा को समय-समय पर निगलने का प्रयास करता है। इस कारण इन्हें ग्रहण लगता है।
आइए विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास से जानते हैं सभी राशियों पर राहु-केतु के इस गोचर का प्रभाव।
मेष
आपके लिए राहु का गोचर शुभ परिणामकारी रहेगा। कई क्षेत्रों में आपको शानदार परिणाम मिलने की संभावना है। इसके प्रभाव से आपके साहस में वृद्धि होगी। लेकिन वैवाहिक जीवन में आप असमंजस की स्थिति में रहेंगे।
वृष
गोचर के प्रभाव से आपका आर्थिक जीवन प्रभावित होगा। परिवार में भी कलह की स्थिति पैदा हो सकती है। परिवार में किसी बात को लेकर मनमुटाव हो सकता है। इस समय बोलते समय सावधानी बरतें।
मिथुन
आपको शारीरिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आपको अपनी सेहत पर ध्यान रखना होगा। आपको निर्णय लेने में कठिनाई होगी। किसी अंजान चीज को लेकर बेचैनी रह सकती है।
कर्क
आपके विदेश यात्रा पर जाने की संभावना बन रही है। लेकिन आपके ख़र्चों में बढ़ोतरी होगी। रुका हुआ धन वापस मिल सकता है। लंबी यात्रा पर जाने की संभावना तो बन रही है। लेकिन आपको सावधानी से काम लेने की आवश्यकता होगी।
सिंह
राहु का गोचर शुभ परिणामकारी रहेगा। इसके प्रभाव से आपकी आमदनी में इजाफा होगा। राहु के शुभ प्रभाव के कारण आपको अपने कार्यक्षेत्र में उपलब्धि का सामना करना पड़ सकता है।
कन्या
आपको कार्यक्षेत्र में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। धैर्य से काम लेना होगा। कार्यक्षेत्र में बनते काम बिगड़ सकते हैं। अध्यात्म के क्षेत्र में रुचि बढ़ेगी।
तुला
आपको भाग्य की बजाय अपनी मेहनत पर ही भरोसा करना होगा। क्योंकि राहु की पैनी दृष्टि आपके किस्मत के सितारों को कमजोर करेगी। चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें। आपके नैतिक मूल्यों का पतन हो सकता है।
वृश्चिक
उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को फायदा होगा। खासकर यदि आप किसी शोध के कार्य में लगे हैं तो राहु का गोचर आपको उसमें सफलता दिलाएगा। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। नशे की हालत में वाहन को न चलाएं।
धनु
व्यापार में नुकसान उठाना पड़ सकता है। खासकर पार्टनरशिप में कार्य करना बहुत अधिक फायदे का सौदा नहीं होगा। व्यापार में सावधानी के साथ कदम लेना सही रहेगा, अन्यथा आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। यह गोचर लाइफ पार्टनर से मतभेद का कारण भी बन सकता है।
मकर
राहु के गोचर से आपके कर्ज में वृद्धि हो सकती है। आपको ध्यान से आर्थिक फैसले लेने होंगे। आपके शत्रु आपके ऊपर हावी रहेंगे। उनसे सावधान रहने की आवश्यकता है। इस दौरान आपको उनके कुचक्र से बचना होगा।
कुंभ
आपकी संतान को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। संतान को लेकर आप चिंतित दिखाई देंगे। अगर आप छात्र हैं तो उच्च शिक्षा में आपको दिक्कतें आ सकती हैं। प्रेम जीवन में समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
मीन
आपकी माता जी को शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। उनकी सेहत का ध्यान रखें। आपके सुखों में भी कमी आ सकती है। इस दौरान आपको धैर्य से काम लेना होगा।
- अनीष व्यास
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक