अयोध्या। राम मंदिर के निर्माण के दूसरे चरण में रॉफ्ट की डिजाइन में बदलाव किया गया है। डिजाइन में कुछ तकनीकी खामियां पाई गई हैं जिसके चलते नींव में दरार आ गयी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस खामी से हानि की कोई संभावना नहीं है। फिर भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन में आंशिक परिवर्तन किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े ब्लॉकों में एयर निकलने का स्थान कम होता है। ऐसे में दरार की आशंका रहती है। इसलिए अब बड़े की अपेक्षा छोटे ब्लॉक बनाए जाएंगे। जिसके मुताबिक कार्य प्रारंभ हो गया है।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। 40 फुट गहरे नींव भराई के बाद मंदिर के फर्श बनाये के लिए पहले राफ्ट का निर्माण किया जा रहा है। जिसके बाद मिर्जापुर व दक्षिण भारत से आये ग्रेनाइट से फर्श बनाया जाएगा। वर्तमान में चल रहे राफ्ट निर्माण में कुछ कमियां दिखाई दी है। जिसके कारण कार्य क्षमता में बदलाव किए गए है। निर्माण परिसर के पूरे सर्कल में 27 गुणे 27 फीट के कुल 17 ब्लॉकों का निर्माण अलग-अलग 17 रात्रियों में होना था। अब तक कुल सात ब्लॉक का निर्माण भी हो चुका है। इस बीच रॉफ्ट के सूखने के लिए उचित तापमान न मिलने के कारण काम बंद कर दिया गया है। विशेषज्ञों की टीम ने पाया कि बड़े रॉफ्ट को सूखने के बाद उसमें दरार आ गयी। इससे भविष्य में नींव में पानी जाने की आशंका थी। राममंदिर की नींव के ऊपर ढाले जा रहे यह रॉफ्ट डेढ़ मीटर मोटे थे। जिसको लेकर दिल्ली में हुए बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अब रॉफ्ट का एक-एक ब्लॉक 9 गुणे 9 फीट का बनाया जाएगा, इस हिसाब से कुल 30 ब्लॉक का निर्माण होगा। रॉफ्ट के निर्माण में भी इसकी मजबूती का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। वहीं राफ्ट निर्माण को लेकर तापमान अनुकूल होते ही शुरुबकर दिया गया है।