दोहा। कतर ने सउदी अरब एवं उसके सहयोगी देशों द्वारा प्रकाशित की गई आतंकवाद से जुड़ी काली सूची को ‘‘आधारहीन’’ बताते हुए उसे खारिज कर दिया। इस काली सूची में कतर के व्यक्तियों और संगठनों को इस्लामी आतंकी समूहों का समर्थन करने वाला बताया गया है। कतर की सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘‘सउदी अरब, बहरीन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के ‘आतंकी वित्त पोषण निगरानी सूची’ से संबद्ध एक हालिया संयुक्त बयान में एक बार फिर बेतुके आरोपों का समर्थन किया गया है जिनका वास्तव में कोई आधार नहीं है।’’
बयान में कहा गया कि कतर आतंकी समूहों का समर्थन नहीं करता। इसमें कहा गया, ''आतंकवाद से निपटने को लेकर हमारा रूख इस संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने वाले कई देशों से मजबूत है। सूची बनाने वालों ने इस तथ्य को बड़े आराम से नजरअंदाज कर दिया।’’ इस सूची में दोहा के मुस्लिम ब्रदरहुड के आध्यात्मिक नेता यूसुफ अल-करदावी और कतर से वित्तपोषित कल्याणार्थ संगठनों को रखा गया है।
इस सूची और उस पर आई प्रतिक्रिया ने खाड़ी में राजनयिक एवं राजनीतिक तनाव बढ़ा दिया है। सउदी अरब और उसके सहयोगी देशों द्वारा कतर के साथ अपने संबंध किए जाने के बाद से ही यह तनाव चल रहा है। इन देशों ने कतर को चरमपंथ को समर्थन देने वाला बताकर अपने संबंध खत्म किए हैं। कतर ने इन दावों को सिरे से खारिज किया है। कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी ने कहा कि उनका देश ‘आत्मसमर्पण’ नहीं करेगा।