By अभिनय आकाश | Jun 02, 2022
पंजाब सरकार ने 7 जून से 424 वीआईपी की सुरक्षा बहाल करने का फैसला किया है। ये गायक सिद्धू मूस वाला की हत्या के पांच दिन बाद आया है, जिसकी सुरक्षा एक दिन पहले राज्य सरकार ने वापस ले ली थी। बुधवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सुरक्षा वापसी सूची लीक होने पर राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। जब सरकार ने कहा कि उनकी तरफ से केवल सीमित समय के लिए ही वीआईपी की सुरक्षा में कटौती की गई है, तो अदालत ने कहा कि अगर किसी की सुरक्षा हटानी है, तो परिस्थितियों की ठीक से समीक्षा करने के बाद ही निर्णय लिया जाना चाहिए और सभी पहलुओं पर मंथन करना चाहिए।
28 मई को, पंजाब सरकार ने सिद्धू मूस वाला सहित राज्य में 400 से अधिक वीवीआईपी के सुरक्षा कवर को हटा दिया। अगले दिन पंजाब के मनसा जिले के जवाहरके गांव में मूस वाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मूस वाला की हत्या के एक दिन पहले पंजाब पुलिस ने 28 मई को पूर्व विधायकों और पुलिस अधिकारियों समेत 424 लोगों की सुरक्षा वापस ले ली थी। दिवंगत पंजाबी गायक के अलावा कई सेवानिवृत्त अधिकारियों, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता चरण जीत सिंह ढिल्लों, बाबा लाखा सिंह, सतगुरु उदय सिंह, संत तरमिंदर सिंह की सुरक्षा भी वापस ले ली गई थी।
उस समय सरकार का तर्क था कि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त कर्मियों की जरूरत है और इसलिए समीक्षा बैठक के बाद 424 लोगों की सुरक्षा वापस ले ली गई। इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को अपने पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की, क्योंकि राज्य सरकार को विपक्षी हमले का सामना करना पड़ा। बैठक के एजेंडे का खुलासा नहीं किया गया है। आम आदमी पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि यह एक "सामान्य" बैठक थी।