Prabhasakshi Exclusive: Imran Khan के गले का नाप ले चुकी है Pakistan Army, PTI Party जैसे जन्मी थी वैसे ही खत्म भी हो जायेगी

By नीरज कुमार दुबे | Jun 01, 2023

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से हमने जानना चाहा कि पाकिस्तान के हालात को आप कैसे देखते हैं क्योंकि अब तो यह स्पष्ट हो गया है कि इमरान खान पर सैन्य अदालत में मुकदमा चलेगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। वैसे दुनिया में कोई भी नहीं चाहता कि पाकिस्तान अस्थिर हो क्योंकि अस्थिर पाकिस्तान और बड़ा खतरा है। पाकिस्तान ने अपने चेहरे पर जितने नकाब लगाये थे वह सब उतर चुके हैं। फिलहाल तो इस देश में जनता सरकार और सेना से भिड़ी हुई है और सेना राजनीतिज्ञों खासकर इमरान खान और उनकी पार्टी के नेताओं से भिड़ी हुई है। इसी के साथ पाकिस्तान का आर्थिक संकट बढ़ता जा रहा है लेकिन पाकिस्तान सरकार को इसकी कोई फिक्र नहीं है। वहां तो एक दूसरे को निपटाने का जो खेल चल रहा है उसके चलते यह देश ही निबट सकता है।


ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जहां तक इमरान खान के खिलाफ मामलों की बात है तो जब शहबाज शरीफ सरकार ने देखा कि पूर्व प्रधानमंत्री को हर अदालत से राहत मिल जा रही है तो उनके खिलाफ मामला सैन्य अदालत में चलाने का फैसला किया गया। सैन्य अदालत में क्या होगा, कौन क्या पक्ष रखेगा यह सब कभी सामने नहीं आयेगा और अचानक एक दिन इमरान खान को सजा सुना दी जायेगी। हो सकता है कि उन्हें फांसी भी दे दी जाये जिसकी आशंका खुद इमरान खान भी व्यक्त कर चुके हैं।

इसे भी पढ़ें: Shaurya Path: Manipur Violence, Kosovo-Serbia, Russia-Ukraine, India-China, Pakistan से जुड़े मुद्दों पर Brigadier DS Tripathi (R) से बातचीत

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान पर अपनी गिरफ्तारी से पहले व्यक्तिगत रूप से सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों की योजना बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार का कहना है कि इस आरोप को साबित करने के लिए सबूत भी हैं। इससे पहले पाकिस्तान सरकार ने इमरान खान को मानसिक रूप से बीमार बताया था। यही नहीं यहां तक दावा किया था कि इमरान खान के मूत्र के नमूने में शराब और कोकीन जैसे तत्वों की उपस्थिति थी। इस पर इमरान खान ने पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री अब्दुल कादिर पटेल को 10 अरब रुपये का मानहानि का नोटिस भी भेजा है। दूसरी ओर, जहां तक पाकिस्तान सरकार और विपक्ष में सुलह की उम्मीद की बात है तो वह दिखाई नहीं देती क्योंकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संकेत दिया है कि उनकी सरकार इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के साथ बातचीत करने को तैयार नहीं है। शहबाज शरीफ ने साफ कहा है कि नेताओं का चोला ओढ़े ‘‘अराजकतावादी’’ जो देश के प्रतीकों पर हमला करते हैं वे बातचीत किये जाने के योग्य नहीं हैं।


ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि दूसरी ओर, इमरान की पार्टी की बात करें तो क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी अपने गठन के 27 साल बाद सबसे मुश्किल समय का सामना कर रही है। इस महीने की शुरुआत में, सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों के मद्देनजर पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली मौजूदा गठबंधन सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री की पार्टी पर पाबंदी लगाये जाने की संभावना है। सैन्य प्रतिष्ठानों द्वारा समर्थित एवं मुख्यधारा के दल- पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पाकिस्तान-फजल (जेयूआई-एफ) चरमपंथ और हिंसा को बढ़ाने देने को लेकर इमरान की पार्टी पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में हैं। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ पहले ही संकेत दे चुके हैं कि सत्तारुढ़ गठबंधन इमरान की पार्टी पर प्रतिबंध लगाने के लिए संसद में जल्द ही एक प्रस्ताव लाएगा।


ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने बताया कि इमरान ने 25 अप्रैल 1996 को लाहौर में पार्टी का गठन किया था, जो अब तक के सबसे मुश्किल समय का सामना कर रही है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के 60 से अधिक नेताओं ने सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों का हवाला देते हुए पार्टी और इमरान खान से अलग होने की घोषणा की है। ऐसी खबरें हैं कि आने वाले दिनों में पार्टी में विभिन्न स्तरों पर नेता इस्तीफा दे देंगे। अब तक इस्तीफा देने वाले पार्टी के नेताओं में पूर्व मंत्री असद उमर, शिरीन मजारी, फवाद चौधरी और फिरदौस आशिक अवान शामिल हैं। वहीं, इमरान खान का कहना है कि पार्टी में अकेले रहने पर भी उनकी लड़ाई जारी रहेगी। इमरान की पार्टी अपने गठन के बाद, पहले 15 वर्षों में संसद में एक छोटी पार्टी या एक सीट वाली पार्टी रही थी। इमरान ने 2002 के आम चुनाव में पंजाब जिले में अपने गृहनगर मियांवाली से नेशनल असेंबली चुनाव जीता। उनकी पार्टी ने यही एकमात्र सीट जीती थी। इसके बाद, इमरान की पार्टी ने 2008 के चुनावों का बहिष्कार करते हुए कहा था कि वह सैन्य तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ के तहत चुनाव नहीं लड़ेगी। हालांकि, इसके बाद पार्टी के लिए ऐतिहासिक क्षण आया, जब 30 अक्टूबर 2011 में लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान में आयोजित जलसा (सार्वजनिक बैठक) में हजारों लोग खासकर युवा और महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हुईं।


ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने आगे बताते हुए कहा कि इमरान खान के नेतृत्व में पार्टी ने ‘‘चोर और भ्रष्ट’’ के नारे के साथ अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाना शुरू किया और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अभियान छेड़ा। उनके नेतृत्व में पार्टी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ 2013 की चुनावी धांधली को लेकर पद छोड़ने के लिए उन पर दबाव डालने के लिए 2014 में इस्लामाबाद में 126 दिन तक धरना दिया था। वहीं, 2018 के चुनाव में इमरान की पार्टी पहली बार केंद्र में सत्ता में आई। चुनाव से पहले 60 से अधिक शीर्ष नेता पार्टी में शामिल हो गए थे। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने सेना पर इन नेताओं को इमरान की पार्टी का साथ देने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था। हालांकि, इमरान के सैन्य नेतृत्व के साथ संबंध मुख्य रूप से आईएसआई प्रमुख नदीम अंजुम की नियुक्ति के साथ बिगड़ते चले गए। बाद में, उन्हें अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया। 


ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने बताया कि अपने निष्कासन के बाद इमरान खान ने सेना विरोधी एक अभियान शुरू किया, जिसे देश में सैन्य प्रतिष्ठानों पर नौ मई के हमलों के पीछे का मुख्य कारण बताया जा रहा है। अब सैन्य प्रतिष्ठान ने सैद्धांतिक रूप से इमरान खान और उनकी पार्टी को ‘‘खत्म’’ करने का फैसला किया है, ताकि उसे राजनीति से बाहर किया जा सके। देखा जाये तो नौ मई की घटनाओं ने पाकिस्तान के राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया है, जिससे इमरान की पार्टी और सुरक्षा प्रतिष्ठान के बीच गतिरोध चरम पर पहुंच गया है। कहा जा सकता है कि भले ही इमरान की पार्टी पर अब तक प्रतिबंध नहीं लगाया गया हो, लेकिन कई नेताओं के उसका साथ छोड़ने और पूर्व प्रधानमंत्री के भविष्य को लेकर अनिश्चितताओं के बीच पार्टी अगले चुनाव में अप्रासंगिक हो सकती है।

प्रमुख खबरें

BJP की विचारधारा के कारण जला मणिपुर, Jharkhand में राहुल गांधी का वार, बोले- ये दलित और अल्पसंख्यकों विरोधी

Salman Khan को एक और जान से मारने की धमकी, एक्टर के गाना लिखने वाले को भी मिली धमकी

Maharashtra में बोले Amit Shah, वक्फ बोर्ड के कुछ प्रावधानों से पूरा देश परेशान, अगर महाविकास अघाड़ी सत्ता में आई...

पुरुष दर्जी नहीं ले सकेंगे महिलाओं के कपड़ों की नाप? महिला आयोग का ये फैसला क्यों चर्चा में आया