पं. नेहरू ने देश को खंडित करने वाली नीतियां बनाईं- शिवराज सिंह चौहान

By दिनेश शुक्ल | Nov 30, 2020

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी का इतिहास गौरवशाली रहा है। कांग्रेस और हम में जमीन-आसमान का फर्क है। हमारा काम देश के लिए जीना और देश के लिए मरना है। भारतीय जनता पार्टी एक वैभवशाली, गौरवशाली भारत के निर्माण के लक्ष्य के लिए काम कर रही है और पार्टी का यही लक्ष्य हर कार्यकर्ता का लक्ष्य होना चाहिए। वैभवशाली, गौरवशाली भारत के निर्माण में कार्यकर्ता की महत्वपूर्ण भूमिका है और वह इस भूमिका को सफलतापूर्वक निभा सके, इसके लिए प्रशिक्षण जरूरी है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को सीहोर जिले के शाहगंज मंडल में कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण वर्ग का शुभारंभ करते हुए कही। प्रशिक्षण वर्ग को सांसद रमाकांत भार्गव एवं जिला अध्यक्ष रवि मालवीय ने भी संबोधित किया। 

 

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पं. नेहरू ने देश को खंडित करने वाली नीतियां बनाईं

शिवराज सिंह चौहान ने जनसंघ के गठन की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत का इतिहास 5 हज़ार वर्षों पुराना है। पश्चिम में जब सभ्यता का उदय भी नहीं हुआ था, तब हमारे यहां वेदों की रचना हो चुकी थी। हमारी संस्कृति अद्भुत है और भारत वशुधैव कुटुम्बकम के सूत्र पर चलने वाला देश है। लेकिन स्वतंत्रता के बाद प्रथम प्रधानमंत्री पं. नेहरू ने देश को खंडित करने वाली नीतियां बनाईं। देश के विभाजन के बाद वो लाहौर जिसका नाम भगवान राम के पुत्र लव के नाम पर है, वो देश से अलग हो गया। ननकाना साहब, हिंगलाज माता, ढाकेश्वरी माता का मंदिर पाकिस्तान में चला गया। चौहान ने कहा कि सत्ता प्राप्ति की चाह में पं. नेहरू ने देश की संस्कृति, परंपरा और जीवन मूल्यों की भी चिंता नहीं की।

 

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राष्ट्र की चिंता के विचार से हुआ जनसंघ का गठन

उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब देश विखंडित हो चुका था, देश के मनीषियों, चिंतकों  ने राष्ट्र की चिंता की। देश की समस्याओं के निराकरण को लेकर एक पार्टी के गठन को लेकर सोचा गया। तब पं. दीनदयाल उपाध्याय,  डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी,  स्व. अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी जैसे लोग साथ आए और जनसंघ का गठन हुआ। प्रदेश में कुशाभाऊ ठाकरे, प्यारेलाल खंडेलवाल, नारायण प्रसाद गुप्ता, स्व. सारंग जी जैसे नेताओं ने जनसंघ के विस्तार की जिम्मेदारी संभाली। डॉ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर में धारा 370 का विरोध किया और नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान नहीं चलेंगे। चौहान ने कहा कि 1967 में बुधनी क्षेत्र में भी जनसंघ की विजय हुई और प्रदेश में उसकी जड़ें मजबूत होती गईं। इमर्जेंसी का विरोध करते हुए जनसंघ के कई नेता जेल गए। इमर्जेंसी के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस हार गई और जनता पार्टी की जीत हुई। लेकिन कुछ दिनों के बाद जनता पार्टी में खटपट हो गई और जनसंघ ने जनता पार्टी से अलग होने का फैसला किया। यह तय किया गया भारतीय जनता पार्टी नाम से अलग दल बनाया जाए। 1980 में भाजपा की स्थापना हुई और अटलजी इसके अध्यक्ष बने। 1984 में इंदिरा जी की हत्या हो गई। कांग्रेस के पक्ष में चली सहानुभूति लहर के कारण हमारे सिर्फ दो सदस्य जीते। सभी ने उसका मजाक बनाया, लेकिन हम विचारधारा आधारित पार्टी थे, अपनी भूमिका निभाते रहे। 87-88 में हमने बोफोर्स कांड का जबरदस्त विरोध किया। फिर हमने तय किया कि अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए। आडवाणी जी ने रथ यात्रा निकाली। 1989 के चुनाव में हम 2 सीटों से 86 सीटों पर पहुंच गए। इसके बावजूद सबके मन मे तड़प थी कि लालकिले पर जनसंघ के नेता तिरंगा फहराएं। भारतीय जनता पार्टी ने अटलजी के नाम पर चुनाव लड़ा और 1996 में अटलजी प्रधानमंत्री बने, हमारा सपना साकार हुआ। लेकिन 2004 में हमारी सरकार नहीं बन पाई। इसके बाद 2014 से फिर मोदी युग शुरू हुआ।

 

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जो कहती है, वह करती भी है भाजपा

चौहान ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व में वैभवशाली भारत का निर्माण हो रहा है। राम मंदिर, धारा 370 को कांग्रेस के लोग चुनावी मुद्दे कहकर हंसी उड़ाते थे। लेकिन जब पूर्ण बहुमत की सरकार बनी, तो मोदी जी,  अमित शाह जी ने धारा 370 हटा दी। राम मंदिर निर्माण का सपना साकार हो गया। कांग्रेस ने धारा 370 हटाने का विरोध किया,  लेकिन मोदी जी के फौलादी इरादों के सामने किसी की नहीं चली। आज कश्मीर में चुनाव हो रहे हैं। मोदी जी की सरकार ने तीन तलाक समाप्त कर दिया। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए मोदी जी की सरकार ने किसान हित में तीन नए कानून बनाए हैं। एक-एक करके सभी पुराने मुद्दे खत्म होते जा रहे हैं और इससे यह साबित होता है कि भारतीय जनता पार्टी जो कहती है, वो करती है।

 

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कांग्रेस को कभी नहीं रही लोगों की चिंता

चौहान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को लोगों की चिंता कभी नहीं रही। सड़क बिजली पानी कांग्रेस की प्राथमिकता नहीं थी। 15 महीनों में कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश में विकास ठप्प कर दिया, पूरे प्रदेश को लूट लिया। जब दोबारा भाजपा की सरकार बनी, तो कोरोना का संकट मंडरा रहा था, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की थी। वो कहते थे पैसा नहीं है, लेकिन हमने अपने संकल्प की पूर्ति की।  किसान, महिला सभी के खातों में पैसा दिया। श्री चौहान ने कहा कि हमारी सरकार अपराधियों, ढोंगी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और उन्हें किसी कीमत पर नहीं छोड़ेगी। हमारी सरकार ने गौ कैबिनेट जैसी व्यवस्था की है और लव जिहाद को लेकर कानून बना रहे हैं। ऐसी एक नहीं, अनेकों नई पहल हमारी सरकार ने की हैं। चौहान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जनता के लिए है, सबके लिए है। हम बिना किसी भेदभाव के काम करेंगे और अपना जीवन देश तथा जनता के लिए समर्पित कर देंगे।

 

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कार्यकर्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण

चौहान ने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचे, इस काम में कार्यकर्ताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और प्रशिक्षण से उनकी क्षमताओं में और निखार आएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता होने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी है कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचे, दीनदयाल समितियां हर पंचायत में बनें। कार्यकर्ता इस बात के लिए प्रयास करें कि भाजपा सर्वव्यापी हो, सर्वस्पर्शी हो। सबका प्रतिनिधित्व हो, सबको जोड़े। जहां आज समर्थन नहीं मिला, वहां कल जरूर मिलेगा और इसके लिए सबको साथ लेकर आएं। उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास हमारा मूलमंत्र है, इसलिए किसी को न छोड़ें। स्थानीय इकाइयों को सशक्त बनाएं, सभी मोर्चा, प्रकोष्ठ का गठन पूरा हो। कोई कार्यकर्ता बिना काम के न रहे। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं है, इसलिए उत्साह से भरे रहें।

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