एफएसएसएआई के ‘दही’ संबंधी निर्देश का Tamil Nadu एवं Karnataka में विरोध

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 31, 2023

दही के पैकेट पर हिंदी शब्द ‘दही’ के इस्तेमाल संबंधी भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के निर्देश की तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार और कर्नाटक में विपक्षी जनता दल (सेक्युलर) (जदसे) ने निंदा की है और इसे ‘‘हिंदी को थोपे’’ जाने की कोशिश बताया है। तमिलनाडु के सरकारी दुग्ध उत्पादन संघ आविन ने कहा है कि वह अपने पैकेट पर हिंदी शब्द ‘दही’ के बजाय तमिल शब्द ‘तायिर’ का ही इस्तेमाल करेगा। एफएसएसएआई ने इन पैकेट पर ‘दही’ लिखने का निर्देश दिया है।

ये निर्देश ‘नंदिनी’ ब्रांड नाम से दूध, दही, घी एवं मिठाइयां बेचने वाले कर्नाटक दुग्ध संघ (केएमएफ) को भी जारी किए गए हैं। जद(से) के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने इसे लेकर सवाल किया है कि क्या यह नंदिनी उत्पाद पर कब्जा करने की कोशिश है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इस कदम को ‘‘हिंदी को थोपा जाना’’ बताया और इसकी निंदा की। तमिलनाडु के दुग्ध विकास मंत्री एस एम नसर ने स्वीकार किया कि सरकार को एक पत्र मिला है, जिसमें यह निर्देश अगस्त से पहले लागू करने को कहा गया है।

नसर में कहा कि राज्य में हिंदी के लिए कोई स्थान नहीं है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई ने भी एफएसएसएआई की इस अधिसूचना को वापस लिए जाने की मांग की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आविन के नाम से जाना जाने वाला ‘तमिलनाडु सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ’ दही के लिए ‘तायिर’ शब्द का ही इस्तेमाल करेगा और एफएसएसएआई को भी इस संबंध में सूचित कर दिया गया है।

भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख के. अन्नामलाई ने भी इस अधिसूचना को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि यह कदम क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने की केंद्र की नीति के अनुरूप नहीं है। इस बीच द्रविड़ मुनेत्र कषगम ने ‘‘हिंदी को थोपे जाने’’ का विरोध करते हुए ट्विटर पर ‘दहीनहींपोडा’ हैशटैग का इस्तेमाल किया। स्टालिन ने इस अधिसूचना के जरिए हिंदी को कथित तौर पर थोपे जाने की निंदा करते हुए बुधवार को कहा था कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को देश के दक्षिणी हिस्सों से ‘‘निकाल देना’’ चाहिए।

स्टालिन ने अपने आधिकारिक टि्वटर हैंडल पर एफएसएसएआई को लेकर प्रकाशित एक खबर साझा की थी जिसमें बताया गया था कि केएमएफ को दही के पैकेट पर प्रमुखता से ‘दही’ शब्द मुद्रित करने का निर्देश दिया गया है। एक दैनिक समाचारपत्र की खबर के मुताबिक, एफएसएसएआई ने केएमएफ को दही के लिए कन्नड़ में इस्तेमाल होने वाले शब्द ‘मोसरू’ को कोष्ठक में उपयोग करने का निर्देश दिया है।

इसके अलावा तमिलनाडु सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ से भी एफएसएसएआई ने कहा है कि दही के लिए तमिल के शब्द ‘तायिर’ को कोष्ठक में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस बीच, कुमारस्वामी ने केएमएफ के प्रसिद्ध ब्रांड नंदिनी के पैकेट पर ‘दही’ शब्द के इस्तेमाल का विरोध किया। उन्होंने कहा, ‘‘कन्नड़ लोग हिंदी थोपे जाने के खिलाफ हैं। यह जानते हुए भी कि कन्नड़ लोग हिंदी थोपे जाने के खिलाफ हैं, एफएसएसएआई द्वारा केएमएफ को नंदिनी दही के पैकेट पर हिंदी में ‘दही’ मुद्रित करने का आदेश देना अनुचित है।’’

कुमारस्वामी ने कहा कि नंदिनी ‘‘कन्नड़ लोगों की संपत्ति, उनकी पहचान और जीवन रेखा है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने मांड्या दौरे में एक बैठक के दौरान कहा था कि नंदिनी का गुजरात के अमूल में विलय किया जाएगा। इस मामले पर केएमएफ ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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