केरल विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 31, 2020

तिरुवनंतपुरम। केरल विधानसभा ने बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से केंद्र के तीनों विवादित कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। इन कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रस्ताव में इन तीनों को ‘किसान विरोधी’ और ‘ उद्योगपतियों के हित’ में बताया गया है। यह प्रस्ताव कोविड-19 के नियमों का अनुपालन करते हुए बुलाए गए विशेष सत्र में पारित किया गया। विधानसभा का यह सत्र प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करने के लिए आयोजित किया गया था। माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) और कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) के सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। हालांकि, विधानसभ में भाजपा के एकमात्र सदस्य ओ राजगोपाल ने प्रस्ताव में शामिल कुछ संदर्भों पर आपत्ति दर्ज की लेकिन विरोध नहीं किया। सदन के बाहर राजगोपाल ने कहा, ‘‘सदन में आम सहमति थी, इसलिए मैंने प्रस्ताव पर आपत्ति नहीं जताई। यह लोकतांत्रिक भावना है।’’ 

इसे भी पढ़ें: केरल के मुख्यमंत्री ने केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में पेश किया प्रस्ताव

प्रस्ताव को पेश करते हुए मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने आरोप लगाया कि केंद्र के कानूनों में संशोधन उद्योगपतियों की मदद के लिए किया गया है। उन्होंने , ‘‘ इन तीन विवादित कानूनों को संसद की स्थायी समिति को भेजे बिना पारित कराया गया। अगर यह प्रदर्शन जारी रहता है तो एक राज्य के तौर पर केरल को बुरी तरह से प्रभावित करेगा।’’ प्रस्ताव पर करीब दो घंटे की चर्चा के बाद सदन ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामाकृष्ण ने कहा, ‘‘प्रस्ताव का पारित होना किसानों की मांग के प्रति सदन की भावना को प्रतिबिंबित करता है।

प्रमुख खबरें

उत्तर प्रदेश: विराट अनुष्का ने मथुरा में संत प्रेमानंद का आशीर्वाद लिया

तमिलनाडु के मंदिर में ‘हवन’ मेरी सुरक्षा, मन की शांति के लिए किया गया : शिवकुमार

उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में कबायली परिषद की बैठक के दौरान गोलीबारी, चार लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश: युवती से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो आरोपी गिरफ्तार