By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 15, 2020
गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2017 में हुए चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी। हालांकि, भाजपा के दिग्गज नेता पर्रिकर, जो उस वक्त देश के रक्षा मंत्री थे, वह गृह राज्य गोवा लौटे जहां उन्होंने अपने नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए जीएफपी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और निर्दलीय विधायकों के साथ गठबंधन किया। पिछले साल पर्रिकर के निधन के बाद, जीएफपी ने प्रमोद सावंत नीत राज्य सरकार को समर्थन जारी रखने का फैसला किया था। लेकिन, सावंत ने पिछले साल जुलाई में कांग्रेस के 10 विधायकों के सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो जाने के बाद सरदेसाई और जीएफपी के दो अन्य नेताओं को राज्य मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था।
सरदेसाई ने सभा से कहा, “मैं पर्रिकर के निधन के बाद सरकार से बाहर न होने का फैसला लेकर की गई बड़ी राजनीतिक भूल के लिए गोवा वासियों से माफी मांगता हूं। मेरी गलती की वजह से आज, गोवा के लोग भुगत रहे हैं और हम सजा भुगतने के लिए तैयार हैं।’’ सरदेसाई ने कहा कि भविष्य में उनकी पार्टी अच्छे कानून बनाने के लिए राज्य सरकार की मदद करने में समावेशी तरीके से काम करेगी।