By विजयेन्दर शर्मा | Mar 02, 2022
मंडी । अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में निकाली जाने वाली जलेब में लोग किसी प्रकार के हथियार के साथ शामिल नहीं हो सकेंगे। इस संदर्भ में जिला दंडाधिकारी मंडी अरिंदम चौधरी ने मंगलवार को आदेश जारी किए हैं। आदेश के मुताबिक शिवरात्रि महोत्सव-2022 के दौरान जलेब में किसी भी व्यक्ति/संस्था के लाठी, तलवार अथवा अन्य किसी प्रकार के हथियार उठाकर चलने पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी। इसके अलावा जलेब में किसी भी वर्ग के विरोध या समर्थन में नारेबाजी करने पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा । यह आदेश 8 मार्च, 2022 तक लागू रहेंगे ।
मंडी का अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव आज से शुरू हो रहा है। 2 मार्च को प्रथम जलेब के बाद मध्य जलेब 5 मार्च को निकाली जाएगी। तीसरी और अन्तिम जलेब में 8 मार्च को राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर शामिल होंगे। वे समापन समारोह में मुख्यातिथि होंगे। उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने कहा कि पिछली बार की तरह इस बार भी 216 पंजीकृत देवी देवताओं को महोत्सव में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
मंडी आने वाले देवी देवताओं, कारदारों और देवलुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध कर लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार धाम का आयोजन यू ब्लॉक की बजाय भीमाकाली सभागार में रहेगा। अरिंदम चौधरी ने कहा कि इस बार पड्डल मैदान मंडी शिवरात्रि मेले के अतीत को जीवंत बनाती पुराने फोटो की एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है। हमारा प्रयास है कि देव आस्था का यह महा समागम देव संस्कृति को और मजबूती देने में सहायक हो तथा युवा पीढ़ी का इससे जुड़ाव और गहरा हो। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी का नजारा दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर देखा जा सकता है। इस साल भी शिवरात्रि महोत्सव के अवसर पर निकलने वाली तीनों जलेब का इंटरनेट के माध्यम से सीधा प्रसारण होगा।
छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी शहर की शिवरात्रि शैव, वैष्णव व लोक देवताओं का पर्व है। मंडी शिवरात्रि में शैव मत का प्रतिनिधित्व मंडी नगर के अधिष्ठाता बाबा भूतनाथ करते हैं। वैष्णव का प्रतिनिधित्व राज देवता माधोराय व लोक देवताओं की अगुवाई बड़ा देव कमरूनाग, हुरंग नारायण व देव पराशर आदि देवता करते हैं सात दिन चलने वाले अंतरराष्ट्रीय मेले के अंतिम दिन सभी देवी-देवताओं को राज परिवार की ओर से आमंत्रित कर सम्मान स्वरूप भेंट दी जाती थी। सभी देवी-देवता मंडी के मुख्य चौहाटा बाजार में बैठते थे। यहीं पर राज परिवार के लोग देवताओं को मेले में आने के लिए धन्यवाद सहित उन्हें श्रद्धा स्वरूप भेंट अर्पित करते थे। अब यही परंपरा जिला प्रशासन द्वारा निभाई जाती है। इस अवसर पर श्रद्धालु अपनी श्रद्धा अनुसार भेंट चढ़ाते हैं।