एक बढ़ई के वेश में आरोपी ने पड़ोसियों से अपना परिचय शाहजहां के तौर पर कराया, खुद को विचारशील व्यक्ति के तौर पर पेश किया और स्थानीय लोगों से नजदीकी बनाए रखने से परहेज किया। सवाद पिछले 13 वर्षों से फरार था और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था। एनआईए ने खुलासा किया कि आरोपी इडुक्की जिले के थोडुपुझा के न्यूमैन कॉलेज में बी.कॉम छात्रों की एक परीक्षा के लिए तैयार किए मलयालम प्रश्न पत्र में पैगंबर मोहम्मद का कथित तौर पर उपहास उड़ाने वाले प्रोफेसर टी जे जोसेफ का हाथ काटने की घटना में शामिल था। मामले में भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून की विभिन्न धाराओं में अभी तक 19 आरोपियों को दोषी करार दिया जा चुका है। उनमें से तीन को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी और 10 अन्य को आठ साल की सजा सुनायी गयी है।
मामले के सभी आरोपी या तो प्रतिबंधित पीएफआई और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के नेता या कार्यकर्ता थे और मुवत्तुपुझा में प्रोफेसर जोसेफ पर हमले से संबंधित आपराधिक साजिश में सक्रिय रूप से शामिल थे। आरोपियों ने चार जुलाई, 2010 को जोसेफ के परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में प्रोफेसर पर दिनदहाड़े जघन्य हमला किया था, जब वह रविवार की सुबह प्रार्थना सभा के बाद चर्च से लौट रहे थे तथा घटनास्थल से भागने से पहले लोगों के बीच दहशत फैलाने के लिए उन पर बम फेंका था।