By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 31, 2019
मुंबई। पृथ्वी शॉ को क्रिकेट का ककहरा सिखाने वाले कोच संतोष पिनगुटकर ने अपने सबसे लोकप्रिय शिष्य की हौसला-अफजाई करते हुए कहा कि वह एक ‘फाइटर’ है और डोपिंग के कारण आठ महीने के प्रतिबंध से मजबूत वापसी करेगा। बीसीसीआई ने डोप परीक्षण में विफल रहने पर मंगलवार को 19 साल के इस सलामी बल्लेबाज को खेल के सभी प्रारूपों से निलंबित कर दिया। बोर्ड ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि पृथ्वी ने गलती से प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन किया जो आम तौर पर खांसी की दवाई में पाया जाता है। पृथ्वी के बचपन के कोच संतोष ने इसे झटका करार दिया है।
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मुंबई से लगभग 60 किमी दूर विरार में पृथ्वी को सबसे पहले क्रिकेट का सबक सिखाने वाले संतोष ने कहा, ‘वह (पृथ्वी) फाइटर है और निश्चित तौर पर इससे उबर जाएगा। उसने (शीर्ष पर पहुंचने के लिए) कड़ी मेहनत की है।’ संतोष के मार्गदर्शन में ही पृथ्वी ने क्रिकेट का ककहरा सीखा। इसके बाद वह न्यूजीलैंड में अपनी कप्तानी में भारत को अंडर 19 विश्व कप जिताने में सफल रहे जबकि वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पदार्पण टेस्ट में शतक भी जड़ा। पृथ्वी के पिता पंकज उन्हें कोच संतोष के पास ले गए थे जो अकादमी चलाते हैं।
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संतोष ने कहा, ‘निश्चित तौर पर यह बड़ा झटका है लेकिन मुझे भरोसा है कि वह इससे उबर जाएगा।’ पृथ्वी का यह प्रतिबंध 16 मार्च से प्रभावी होगा और 15 नवंबर को खत्म होगा जिसके कारण वह दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश के खिलाफ भारत की घरेलू श्रृंखला में नहीं खेल पाएंगे। वरिष्ठ लेखक मकरंद वेनगांकर ने कहा कि यह चिंता की बात नहीं है और सभी से जीवन में गलतियां होती हैं। क्रिकेट प्रशासक रहे वेनगांकर ने ट्वीट किया कि खांसी के सिरप खतरनाक होते हैं। पृथ्वी को यह बात पता होनी चाहिए थी क्योंकि बीसीसीआई की डोपिंग रोधी समिति सभी खिलाड़ियों को क्या करना है और क्या नहीं इसकी सूची सौंपती है। वह इससे उबर जाएगा। सभी गलती करते हैं। चिंता की कोई बात नहीं है।