By दिव्यांशी भदौरिया | Oct 28, 2024
भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 27 अक्टूबर के मन की बात के अपने हालिया एपिसोड के दौरान 'डिजिटल अरेस्ट' की ओर ध्यान आकर्षित किया और नागरिकों को घोटाले के बारे में चेतावनी दी। चौंकाने वाली बात यह है कि 2024 की पहली तिमाही में डिजिटल अरेस्ट घोटाले में भारतीयों को 120.3 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
इतनी शिकायतें हो चुकी है
नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) द्वारा सामने आए आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी से 30 अप्रैल, 2024 के बीच लगभग 0.74 मिलियन शिकायतें प्राप्त हुईं और 46 प्रतिशत शिकायतों में ट्रेडिंग घोटाले, निवेश घोटाले और डिजिटल गिरफ्तारियां शामिल थीं।
जालसाज पीड़ितों को वीडियो कॉल करते हैं और खुद को सरकारी अधिकारी बताते हैं। वे दबाव की रणनीति का उपयोग करते हैं जैसे पीड़ित पर अवैध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाना और उन्हें 'डिजिटल गिरफ्तारी' के तहत रहने के लिए कहना। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि उनकी नकली पहचान वास्तविक लगे और पीड़ितों से कॉल बंद न करने और अपना घर छोड़ने के लिए कहें।
पीएम मोदी ने डिजिटल अरेस्ट पर क्या कहा?
मन की बात के अपने हालिया एपिसोड के दौरान, पीएम ने उल्लेख किया कि रुको, सोचो और एक्शन लो। इसके साथ ही पीएम ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। कोई भी जांच एजेंसी ना तो धमकी देती है और ना ही वीडियो कॉल पर पूछताछ करती है। उन्होंने आगे कहा कि डिजिटल अरेस्ट के नाम पर स्कैम चल रहा है इससे निपटने के लिए तमाम जांच एजेंसियां राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। आपको बता दें कि पीएम मोदी मे डिजिटल अरेस्ट की एक पीड़ित का ऑडियों भी शेयर किया।
एपिसोड के दौरान डिजिटल अरेस्ट पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने शेयर किया कि घोटालेबाज अक्सर सीबीआई, नारकोटिक्स, आरबीआई या पुलिस का रूप धारण करते हैं और नकली अधिकारियों के रूप में बातचीत करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 'मन की बात' के श्रोताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा करने में रुचि दिखाई।
“हर वर्ग और आयु वर्ग के लोग डिजिटल अरेस्ट के शिकार होते हैं। लोगों ने डर के कारण अपनी मेहनत से कमाए लाखों रुपये गंवा दिए हैं। जब भी आपके पास ऐसी कोई कॉल आए तो घबराएं नहीं। पीएम मोदी ने कहा, आपको पता होना चाहिए कि कोई भी जांच एजेंसी कभी भी फोन कॉल या वीडियो कॉल के जरिए इस तरह पूछताछ नहीं करती है।
एपिसोड के दौरान, पीएम मोदी ने यह भी कहा कि एजेंसियों ने हजारों वीडियो-कॉल आईडी, लाख से अधिक सिम कार्ड, मोबाइल फोन और बैंक खाते ब्लॉक कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि साइबर धोखाधड़ी से लोगों को बचाने के लिए एजेंसियां पुरजोर कोशिश कर रही हैं, लेकिन इन घोटालों से बचाव के लिए हर नागरिक को इनके बारे में जागरूक होना होगा। उन्होंने डिजिटल अरेस्ट या अन्य साइबर धोखाधड़ी के पीड़ितों से इन घोटालों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों के साथ साझा करने के लिए भी कहा।
क्या है डिजिटल अरेस्ट?
घोटालेबाज डिजिटल अरेस्ट की शुरुआत एक मैसेज या फोन कॉल के जरिए करते हैं। डिजिटल अरेस्ट करने वाले ठग लोग फोन करके कहते हैं कि वे पुलिस विभाल या इनकम टैक्स विभाग से बात कर रहे हैं। इतना ही नहीं, आपके पैन और आधार का इस्तेमाल करते हुए तमाम चीजें की खरीदी गई हैं या फिर मनी लॉनड्रिंग की गई है। हालांकि, कई बार दावा भी करते है कि वे कस्टम विभाग से बात कर रहे हैं और आपके नाम से पर्सल आया है इसमें ड्रग्स या प्रतिबंधित चीजें हैं। फिर वे लोग वीडियो कॉल के सामने बैठे रहने के लिए कहते हैं। इस दौरान आप किसी से बात नहीं कर सकते हैं। इसके बाद वे लोग पैसे भी मांगते हैं। इस तरह लोग अपने ही घर में ऑनलाइन कैद होकर रह जाते हैं और इसे ही डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है।
डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें
यदि आपके पास इस तरह की धमकी वाले फोन कॉल आते हैं तो आप डरे नहीं। इससे बचने के लिए आप तुरंत पुलिस में शिकायत करें। अगर आपके पास मैसेज या ई-मेल आता है उसे आप सबूत के तौर पर पुलिस को दें। अगर आप ने कॉल रिसीव किया है और आपको वीडियो कॉल पर कोई धमकी दे रहा है तो आप स्क्रीन रिकॉर्डिंग करके वीडियो कॉल को रिकॉर्ड करें और शिकायत करें। डरें नहीं और पैसे किसी को न दें।