By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 26, 2022
तोक्यो। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की विवादित राजकीय अंत्येष्टि से एक दिन पहले सोमवार को अन्य देशों के नेताओं के साथ सिलसिलेवार बैठकें कीं। ‘यूनीफिकेशन चर्च’ के साथ सत्तारूढ़ दल लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के करीबी संबंधों पर सवाल उठाये जाने और विश्व युद्ध से पूर्व के जापानी साम्राज्यवाद से जुड़े राजकीय कार्यक्रम पर आपत्ति जताये जाने के बीच, आबे की मंगलवार की राजकीय अंत्येष्टि के लिए जोर देने को लेकर किशिदा की आलोचना की जा रही है। आबे की जुलाई में हत्या कर दी गई थी।
उल्लेखनीय है कि ‘यूनीफिकेशन चर्च’ पर अपने अनुयायियों की मान्यताओं को प्रभावित करने का आरोप है। किशिदा ने कहा कि यह कार्यक्रम जापान के आधुनिक राजनीतिक इतिहास में सबसे लंबे समय तक पद पर रहे प्रधानमंत्री (आबे) के लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें एक ऐसे समय में आगंतुक विदेशी नेताओं से व्यक्तिगत रूप से मिलने और संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी, जब जापान उत्तरपूर्व एशिया और विश्व में चीन तथा उत्तर कोरिया की बढ़ती सैन्य गतिविधियों का सामना कर रहा है। आनन-फानन में बैठकों की योजना बनाये जाने के बाद, किशिदा तोक्यो में अगले कुछ दिनों में करीब 40 विदेशी नेताओं के साथ वार्ता करने वाले हैं। सोमवार को, किशिदा अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मिलने वाले हैं और उनके साथ राजकीय रात्रिभोज में भी शामिल होंगे।
इससे पहले, वियतनामी राष्ट्रपति नग्येन शुआन फुक से, फिलीपीन की उप राष्ट्रपति सारा दुतेत्रे और करीब 10 अन्य विदेशी नेताओं से मुलाकात करने की उनकी योजना है। मंगलवार को, वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ वार्ता करने वाले हैं। चीन पूर्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री वान गांग को जापान भेज रहा है।
पिछले हफ्ते लंदन में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की राजकीय अंत्येष्टि में शामिल हुए जी-7 देशों के अन्य नेता आबे की अंत्येष्टि में शामिल नहीं होंगे। दक्षिण कोरिया अपने प्रधानमंत्री हान डुक सू को भेज रहा है, जो बुधवार को किशिदा से मिलने वाले हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आबे की राजकीय अंत्येष्टि के आयोजन को लेकर किशिदा का उद्देश्य सत्ता पर अपनी पकड़ को मजबूत बनाना है।