By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 29, 2021
अयोध्या। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने परिवार के साथ रविवार को यहां श्री राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के दर्शन किए। पुजारियों के मंत्रोच्चार के जाप के बीच उन्होंने पूजा-अर्चना और आरती भी की। पूजा के बाद राष्ट्रपति के माथे पर तिलक लगाया गया। मंदिर के पुजारी ने राष्ट्रपति को एक शॉल भेंट की और राष्ट्रपति ने उनसे संक्षिप्त बातचीत की। इसके बाद उन्होंने एक पौधा लगाया। कोविंद को राम मंदिर की एक लघु प्रतिकृति भी भेंट की गई। राष्ट्रपति ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ हनुमानगढ़ी मंदिर का दौरा भी किया और पूजा-अर्चना की। हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद राष्ट्रपति को गुलाबी रंग की पगड़ी भेंट की गई। इस अवसर पर उनके साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी मौजूद थे। शहर में लोग अपने घरों की छतों पर राष्ट्रपति की झलक पाने के लिए खड़े देखे गए।
राम के बिना अयोध्या की कल्पना भी नहीं की जा सकती: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को यहां श्री राम जन्म भूमि परिसर में रामलला के दर्शन किए और कहा कि भगवान राम के बिना अयोध्या की कल्पना भी नहीं की जा सकती। राम नगरी पहुंचे राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा अन्य की उपस्थिति में एक रामायण संगोष्ठी की शुरुआत की। कोविंद ने अपने परिवार के साथ श्री राम जन्म भूमि परिसर में रामलला के दर्शन भी किए और हनुमान गढ़ी मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘राम के बिना अयोध्या, अयोध्या नहीं है। अयोध्या तो वही है जहां राम हैं। अयोध्या भूमि राम की लीला भूमि और जन्मभूमि तो है ही, राम के बिना अयोध्या की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। कोविंद ने विश्वास व्यक्त किया कि अयोध्या नगरी भविष्य में मानव सेवा का उत्कृष्ट केंद्र बनेगी और सामाजिक समरसता का उदाहरण प्रस्तुत करने के साथ ही शिक्षा एवं शोध का प्रमुख वैश्विक केंद्र भी बनेगी। उन्होंने कहा, रामायण संगोष्ठी की सार्थकता सिद्ध करने के लिए यह आवश्यक है कि राम कथा के आदर्शों को सभी लोग अपने आचरण में ढालें। सभी मानव एक ईश्वर की संतान हैं, यह भावना सभी में निहित हो, यही इस आयोजन का उद्देश्य है। अपने संबोधन में अपने नाम का जिक्र करते हुए कोविंद ने कहा, मुझे लगता है कि जब मेरे परिवार में मेरे माता-पिता और बुजुर्गों ने मेरा नामकरण (रामनाथ) किया होगा तो उन सबमें भी संभवतः राम कथा और राम के प्रति वही श्रद्धा और अनुराग का भाव रहा होगा जो सामान्य लोक मानस में देखा जाता है।
कोविंद ने कहा कि गांधी ने आदर्श भारत की अपनी कल्पना को राम राज्य का नाम दिया और बापू की दिनचर्या में राम नाम का बहुत महत्व था। राष्ट्रपति ने कहा, हमें हर किसी में राम और सीता को देखने की कोशिश करनी चाहिए। राम सभी के हैं और राम सभी में हैं। इस स्नेहपूर्ण विचार के साथ अपने दायित्व का पालन करें। राम कथा ताली की ध्वनि है, जो संशय को दूर कर देती है।’’ कोविंद ने कहा कि जब तक पर्वत और नदियां विद्यमान रहेंगे तब तक राम कथा लोकप्रिय बनी रहेगी और राम कथा के साहित्यिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक प्रभाव को बड़े पैमाने पर देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि राम और रामायण के प्रति प्रेम एवं सम्मान न केवल भारत में, बल्कि दुनिया की विभिन्न लोक भाषाओं और लोक संस्कृतियों में भी देखा जा सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व के अनेक देशों में राम कथा की प्रस्तुति रामलीला के आयोजन द्वारा की जाती है और इंडोनेशिया के बाली की रामलीला विशेष रूप से प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि मालदीव, मॉरीशस, त्रिनिदाद, टोबैको, नेपाल और कंबोडिया व सूरीनाम समेत अनेक देशों में प्रवासी भारतीयों ने राम कथा को जीवंत बनाया है तथा इसके अलावा राम कथा पर चित्रकारी व अन्य कलाकृतियां भी विश्व के अनेक भागों में देखने को मिलती हैं। राष्ट्रपति ने अपने परिवार के साथ श्री राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के दर्शन भी किए और पुजारियों के मंत्रोच्चार के जाप के बीच पूजा-अर्चना की। पूजा के बाद राष्ट्रपति के माथे पर तिलक लगाया गया। मंदिर के पुजारी ने राष्ट्रपति को एक शॉल भेंट की और राष्ट्रपति ने उनसे संक्षिप्त बातचीत की। इसके बाद उन्होंने एक पौधा लगाया। कोविंद को राम मंदिर की एक लघु प्रतिकृति भी भेंट की गई। राष्ट्रपति ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ हनुमानगढ़ी मंदिर का दौरा भी किया और पूजा-अर्चना की। हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद राष्ट्रपति को गुलाबी रंग की पगड़ी भेंट की गई। इस अवसर पर उनके साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी मौजूद थे। इस दौरान लोग अपने घरों की छतों पर राष्ट्रपति की झलक पाने के लिए खड़े देखे गए।