By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 16, 2021
कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में नर्सो के योगदान की सराहना करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि भारत में एक दिन में एक करोड़ से अधिक लोगों के टीकाकरण का अहम पड़ाव नर्सिंग कर्मियों के समर्पण और अथक प्रयासों के कारण ही संभव हुआ है।
राष्ट्रपति ने नर्सिंग कर्मियों को डिजिटल माध्यम से नेशनल फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान करने के अवसर पर यह बात कही। कोविंद ने कहा, ‘‘ नर्सों द्वारा निरंतर दी गयी मदद ने कोविड-19 महामारी से लड़ने में हमारी सहायता की।
उनके निरंतर प्रयासों के कारण ही हमने अपनी आबादी के एक बड़े हिस्से का टीकाकरण करने का गौरव हासिल किया है।’’ उन्होंने कहा कि हमारी कई नर्सो ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान गंवायी और पुरस्कार प्राप्त करने वालों में से एक ने कोविड-19 के रोगियों का इलाज करते हुए अपनी जान गंवा दी ।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ इस बलिदान के लिये देश हमेशा उनका (नर्सो) ऋृणी रहेगा।’’ राष्ट्रपति भवन के बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि सेवाओं और बलिदान का मूल्यांकन किसी भी आर्थिक लाभ के लिहाज से नहीं किया जा सकता है, फिर भी सरकार ने महामारी के दौरान नर्सों के योगदानका सम्मानकिया है।
उन्होंने कहा कि उनके लिये सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को 50 लाख रुपये का एक व्यापक व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवरेज देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी): कोविड-19 से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना’ शुरू की है। राष्ट्रपति ने कहा कि नर्स और मिड वाइफ (दाई)अक्सर लोगों और स्वास्थ्य प्रणाली के बीच संपर्क का पहला बिंदु होती हैं।
उन्होंने कहा कि नर्स और दाई न केवल स्वास्थ्य संबंधी सतत विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने में योगदान करती हैं, बल्कि शिक्षा, लिंग संवेदीकरण और राष्ट्र के आर्थिक विकास में भी योगदान देती हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश में नर्सिंग कर्मी नवोन्मेषी और चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं के लिए खुद को ढाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब, जो लोग नर्सिंग में लगे हैं, वे विशिष्ट कौशल और दक्षता विकसित कर सकते हैं।
सरकार ने दाइयों का नया कैडर बनाने के लिए मिडवाइफरी सर्विस इनिशिएटिव शुरू कीहै। उन्हें नर्स प्रैक्टिशनर मिडवाइफ (एनपीएम) कहा जाएगा जो अपेक्षित ज्ञान और दक्षताओं से लैस होंगी।