By सुयश भट्ट | Sep 09, 2021
भोपाल। भोपाल में गणेश उस्तव की तैयारियां ज़ोरोशोरो से चल रही है। लगभग 800 से अधिक सार्वजनिक स्थानों पर श्रीगणेश की मूर्ति विराजित की जाएगी। इसे लेकर जिला प्रशासन ने गाइडलाइन की है। पिछले साल कोरोना के चलते पंडाल नहीं लगाए गए थे लेकिन इस बार कुछ पाबंदियों के बीच मूर्ति विराजित करने की छूट दी गई है।
इसे भी पढ़ें:प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाया जाएगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक सब्जेक्ट,स्कूल शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी
आपको बता दें कि यदि कोई समिति या कॉलोनी-मोहल्ले के लोग गणेश मूर्ति विराजित कर रहे हैं। तब उन्हें नियमों का पालन करना पड़ेगा। अगर ऐसा नहीं करते है तो कानून के उल्लंघन के दायरे में आएंगे।
वहीं 10 दिनी गणेशोत्सव में मूर्ति विसर्जन के लिए जिला प्रशासन जगह तय करेगा। उसी जगह विसर्जन करना होगा। नगर निगम यह व्यवस्था देखेगा। वहीं, पुलिस सुरक्षा व्यवस्था करेगी। इसके साथ ही कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन होने पर आयोजक जिम्मेदार होंगे। उन पर धारा 144 के तहत कार्रवाई होगी।
बताया जा रहा है कि पंडाल के लिए SDM से परमिशन लेना जरूरी है, पर कम लोग ही पहुंच रहे हैं। हुजूर, कोलार, बैरागढ़, गोविंदपुरा, शहर, एमपी नगर, टीटी नगर व बैरसिया में अब तक 200 भी परमिशन जारी नहीं की गई है।
इसके साथ ही भोपाल में POP से निर्मित मूर्ति न तो बेची जा सकेगी और न ही खरीदी। इसे लेकर जिला प्रशासन प्रतिबंध लगा चुका है। हालांकि, बाजार में कई स्थानों पर POP से बनी मूर्ति बेची जा रही है।
क्या कुछ रहेंगे नियम