सरकार दो लाख से अधिक उन कंपनियों का पंजीकरण रद्द करने की योजना में है जो कि काफी लंबे समय से कोई कारोबार नहीं कर रहीं। यह योजना काले धन पर लगाम लगाने के प्रयासों के बीच बन रही है। विभिन्न राज्यों की दो लाख से अधिक कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं क्योंकि वे लंबे समय से कोई कारोबारी गतिविधि नहीं कर रही या परिचालन में नहीं हैं। कारपोरेट कार्य मंत्रालय यह कदम ऐसे समय में उठा रहा है जबकि अधिकारी उन मुखौटा कंपनियों के खिलाफ कमर कसे हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि उनका इस्तेमाल मनी लांड्रिंग गतिविधियों के लिए किया जाता है।
मंत्रालय द्वारा उपलब्ध करवाई गई सूचना के अनुसार विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में कंपनी पंजीयकों ने कंपनी कानून 2013 के तहत दो लाख से अधिक कंपनियों को नोटिस जारी किए हैं। ये नोटिस कानून की धारा 248 के तहत जारी किए गए हैं। सम्बद्ध कंपनी को जवाब देना होगा और अगर उससे मंत्रालय संतुष्ट नहीं हुआ तो मंत्रालय पंजीकरण रद्द कर देगा। आंकड़ों के अनुसार कंपनी पंजीयक मुंबई ने 71,000 से अधिक कंपनियों जबकि कंपनी पंजीयक दिल्ली ने 53000 से अधिक कंपनियों को नोटिस जारी किए हैं।