नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के चार रोगियों पर किए गए प्लाज्मा थेरेपी परीक्षण के प्रारंभिक नतीजे ‘‘काफी उत्साहजनक’’ हैं जिससे कोरोना वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार लोगों के इलाज के लिए उम्मीद की किरण नजर आई है। केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगले दो-तीन दिनों में प्लाज्मा थेरेपी के और अधिक नैदानिक परीक्षण किए जाएंगे और उनकी सरकार दिल्ली में कोविड-19 संक्रमण के सभी गंभीर रोगियों पर इस थेरेपी का इस्तेमाल करने के लिए केंद्र की मंजूरी लेगी। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार इस उपचार पद्धति के लिए मंजूरी देगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने 10 दिन पहले लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के चार गंभीर मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी के नैदानिक परीक्षण के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी ली थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रारम्भिक परिणाम बहुत उत्साहवर्धक एवं अच्छे हैं। इससे कोरोना वायरस से लोगों की जान बचाने के लिए उम्मीद की किरण नजर आई है।’’
इस सम्मेलन में यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान के निदेशक एस के सरीन भी मौजूद थे। केजरीवाल ने बताया कि जिन मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी गई उनके स्वास्थ्य में सुधार दिखाई दिया है। उन्होंने बताया कि इनमें से दो मरीजों को आईसीयू से सामान्य वार्ड में भेज दिया गया है और दो अन्य दो मरीजों के स्वास्थ्य में भी सुधार हो रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल शुरुआती परिणाम है और किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि सरकार ने कोरोना वायरस का उपचार खोज लिया है। प्लाज्मा थेरेपी में कोविड-19 संक्रमण के बाद स्वस्थ हो चुके व्यक्ति से एंटीबॉडी लेकर उनका इस्तेमाल गंभीर रूप से बीमार मरीजों के उपचार के लिए किया जाता हे। केजरीवाल ने कहा, ‘‘केंद्र से अनुमति मिल जाने के बाद, हम दिल्ली में कोविड-19 के सभी गंभीर मरीजों के लिए प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल कर सकेंगे। मैं दोहराता हूं कि यह शुरुआती परिणाम है जो कि काफी उत्साहजनक है। हमें यह नहीं सोचना किया कि हमें कोविड-19 का उपचार मिल गया है।’’ उन्होंने बीमारी से उबर चुके लोगों से अपील की कि वे कोविड-19 रोगियों की जान बचाने के लिए प्लाज्मा दान करें।
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सरीन ने कहा, ‘‘प्लाज्मा थेरेपी एक पुरानी तकनीक है जो दशकों से इस्तेमाल की जा रही है। हमारे पास कोरोना वायरस का उपचार नहीं है, ऐसे में यह कोविड-19 के कारण गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए लाभकारी है।’’ उन्होंने कहा कि संक्रमण के बाद स्वस्थ हुए मरीजों द्वारा प्लाज्मा दान किया जाना देशभक्ति होगी। इससे प्लाज्मा दान करने वाले के शरीर में किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती। सरीन ने कहा, ‘‘यह रक्तदान नहीं है... प्लाज्मा थेरेपी मंहगी नहीं है।’’ केजरीवाल ने कहा कि जो लोग कोरोना वायरस संक्रमण के बाद पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं वे अपना प्लाज्मा दान करके लोगों की जान बचा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्लाज्मा थेरेपी में दान करने वाला महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्लाज्मा उनके शरीर से निकाला जाता है, जैसा कि हमारे चिकित्सक डेंगू मरीजों के मामले में अकसर करते हैं।’’ केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं आपसे (कोविड-19 संक्रमण से उबर चुके लोगों से) हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि आप आगे आएं और अपना प्लाज्मा दान करें। आपका प्लाज्मा गंभीर मरीजों को दिया जाएगा। आप जीवन बचा सकते हैं।