By अभिनय आकाश | Feb 13, 2022
मगध के एक आधुनिक चाणक्य जिसने बचपन में चाय बेचने वाले नरेंद्र मोदी की चुनावी रणनीति की कमान को संभालते हुए लोकसभा चुनाव 2014 में उनका प्याला वोटों से भर दिया, फिर नीतीश कुमार को 'बिहार में बहार हो नीतेशे कुमार हो' के नारे के साथ फिर से राज्य के सर्वोच्च कुर्सी पर काबिज किया और अमरिंदर सिंह को पंजाब का कैप्टन बना दिया। जगनमोहन को पदयात्रा के सहारे सीएम की कुर्सी तक पहुंचाया और ममता को बंगाल में जीत की सियासी हैट्रिक लगवाई। राजनीतिक विश्लेषक, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की उपलब्धियों का कहकहा जब भी पढ़ा या लिखा जाएगा तो इन घटनाक्रमों का जिक्र खुद ब खुद आ जाएगा। लेकिन इसके साथ ही राजनीति के इस आधुनिक चाणक्य के साथ जुड़ी है एक और खास चीज जो अक्सर कामयाबी के आगे धूमिल होकर रह जाती है। प्रशांत किशोर जिस भी पार्टी के लिए काम करते हैं वहां उनके कार्यशैली की वजह से धुर विरोधी भी ढेर सारे पैदा हो जाते हैं। फिर आखिरकार एक टाइम पार्टी के लिए ऑल टाइम फेवरेट रहने वाले पीके की वहां से विदाई हो जाती है। बंगाल चुनाव में ममता की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर और ममता बनर्जी के लिए बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
ममता और किशोर के बीच मतभेद
पिछले कुछ समय से ममता बनर्जी और प्रशांत किशोर के बीच मतभेद बढ़ने को लेकर अटकलों का दौर जारी है। बंगाली दैनिक आनंदबाजार पत्रिका ने दोनों के बीच एसएमएस का आदान-प्रदान होने की भी जानकारी दी है। अखबार के अनुसार, प्रशांत किशोर ने ममता को टेक्स्ट मैसेज में लिखा कि वे बंगाल, मेघालय और ओडिशा में टीएमसी के लिए काम नहीं करना चाहते। जिसका जवाब सीएम ममता ने 'धन्यवाद' कहते हुए दिया है।
अभिषेक बनर्जी की नाराजगी है वजह
स्थानीय निकाय चुनाव से पहले भी ममता और उनके भतीजे अभिषेक के बीच टिकट बंटवारे को लेकर मतभेद की खबरें सामने आई। एक टीवी इंटरव्यू में अभिषेक बनर्जी ने स्वीकार किया कि पार्टी के नेताओं द्वारा जारी की गई उम्मीदवारों की सूची और सोशल मीडिया पर अपलोड की गई उम्मीदवारों की सूची में लगभग 100 से लेकर 150 अंतर हैं, लेकिन इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। टीएमसी के पुराने नेता और कार्यकर्ताओं का एक धड़ा इसके लिए प्रशांत किशोर की कंपनी आईपैक को जिम्मेदार बता रहा है।
पीके की कार्यशैली से राजनेता परेशान
प्रशांत किशोर के काम करने का तरीका थोड़ा अलग और नया है जिसकी वजह से ज्यादातर स्थानीय और उन नेताओं को परेशानी होती है जो डायरेक्ट उनके टच में नहीं रहते हैं। प्रशांत किशोर पर आरोप है कि विधायकों की सीआईडी रिपोर्ट निकलवा रहे हैं। कहा जा रहा है कि जिसकी सीआईडी रिपोर्ट खराब है उसका टिकट कट जाएगा। प्रशांत किशोर डेटा पर काम करने वाले व्यक्ति हैं वह यह देखते हैं कि किसका डेटा क्या कह रहा है और वह उसी हिसाब से काम करते हैं ।