प्रजापति गिरफ्तार, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 15, 2017

लखनऊ। करीब महीने भर फरार रहने के बाद उत्तर प्रदेश के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को अंतत: आज लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गायत्री सामूहिक बलात्कार के एक मामले में आरोपी हैं। उनके अलावा मामले के छह अन्य आरोपियों को पहले ही पकड़ा जा चुका है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने पुष्टि की, ‘‘प्रजापति को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया है।’’ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी ने बताया कि उन्हें आज सुबह आशियाना क्षेत्र से पकड़ा गया। 49 वर्षीय सपा नेता को पोक्सो अदालत के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।

 

इससे पहले सुबह प्रजापति को आलमबाग कोतवाली लाया गया, जहां बड़ी संख्या में उनके समर्थक पहुंच गये। पुलिस प्रजापति को जब मेडिकल के लिए ले जाने लगी तो उनके समर्थकों ने उन्हें पुलिस वाहन में नहीं जाने दिया बल्कि वे उन्हें लग्जरी कार में बैठाकर ले गये। जैसे ही प्रजापति को लग्जरी कार में ले जाने वाले फोटो और वीडियो टीवी चैनलों पर प्रसारित और सोशल मीडिया पर वायरल हुए, उन्हें तुरंत पुलिस वाहन में बैठा दिया गया। प्रजापति ने संवाददाताओं से कहा कि वह आत्मसमर्पण करने जा रहे थे लेकिन गिरफ्तार कर लिये गये। ‘‘मैं निर्दोष हूं। मुझे बदनाम करने की साजिश की गयी है।’’ उन्होंने कहा कि वह सच्चाई को सामने लाने के लिए नार्को परीक्षण कराने को तैयार हैं।

 

प्रजापति ने नाबालिग पीड़िता का भी नार्को परीक्षण कराने की मांग की। इस बीच पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने बताया कि प्रजापति को लखनऊ में पकड़ा गया है। वह लगातार ठिकाना बदल रहे थे। इससे पुलिस का काम अधिक मुश्किल हो गया था। सपा नेता की गिरफ्तारी पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने कहा कि राज्य पुलिस का अब तक राजनीतिकरण किया गया था। जैसे ही वह राजनीतिक दबाव से मुक्त हुई, उसने कार्रवाई की और प्रजापति को गिरफ्तार किया। मंजिल सैनी ने बताया कि लखनऊ पुलिस को पिछले तीन दिनों में प्रजापति को लेकर महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे थे। जैसे ही सूचना मिली कि वह आत्मसमर्पण की तैयारी कर रहे हैं, पुलिस हरकत में आयी और उन्हें गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। पकड़ने में इतना वक्त क्यों लगा और सत्ता परिवर्तन के बाद ही गिरफ्तारी क्यों हुई, इन सवालों पर मंजिल सैनी ने कहा कि चुनाव महज इत्तेफाक की बात है। प्रजापति लगातार ठिकाने बदल रहे थे और उनके कभी दिल्ली तो कभी गुरुग्राम और पश्चिम बंगाल में होने की सूचना मिली थी।

 

एसएसपी ने कहा कि 15 से 20 दिनों में प्रजापति के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा। मामला चूंकि वर्ष 2013 का है इसलिए पुलिस के लिए सभी साक्ष्य एकत्र कर अदालत के समक्ष पेश करना आवश्यक है। पुलिस ने मंगलवार को ही प्रजापति के बेटे अनुराग और भतीजे सुरेन्द्र को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। दोनों पर आरोपियों को शरण देने का आरोप लगाया गया है। मामले के तीन सह अभियुक्तों को भी मंगलवार को लखनऊ में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस महानिरीक्षक ए. सतीश गणेश ने बताया था कि सामूहिक बलात्कार के मामले में प्रजापति के साथ अभियुक्त बनाये गये अमरेन्द्र उर्फ पिंटू, रूपेश्वर तथा विकास वर्मा को लखनऊ के हजरतगंज इलाके में गिरफ्तार किया गया। इस मामले में अशोक तिवारी, आशीष शुक्ला, प्रजापति के गनर चंद्रपाल तथा मंगलवार को पकड़े गये तीन अन्य समेत कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका था। प्रजापति को आज गिरफ्तार किया गया।

 

उल्लेखनीय है कि प्रजापति तथा उनके छह अन्य साथियों पर एक महिला का सामूहिक बलात्कार करने और उसकी बेटी से छेड़खानी के आरोप में उच्चतम न्यायालय के गत 17 फरवरी के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया था। प्रजापति ने इस बार भी अमेठी विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। प्रजापति के विदेश भागने की आशंका के मद्देनजर उनके पासपोर्ट को चार हफ्तों के लिये निलम्बित कर दिया गया था और उनके खिलाफ ‘लुक आउट’ नोटिस जारी किया गया था। विधानसभा चुनाव के दौरान यह मामला उठने पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इशारों में प्रजापति को आत्मसमर्पण करने को कहा था। राज्यपाल राम नाईक ने बलात्कार जैसे गम्भीर आरोप में वांछित होने के बावजूद प्रजापति को मंत्रिमण्डल से बर्खास्त ना किये जाने पर आपत्ति दर्ज करते हुए इस सिलसिले में मुख्यमंत्री को चिट्ठी भी लिखी थी।

 

 

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