Prabhasakshi's Newsroom । लौटकर सिद्धू घर को आए, अमरिंदर ने कहा Bye Bye

By अनुराग गुप्ता | Sep 30, 2021

पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान ने सभी को चौंका दिया। अपमानित महसूस करने वाले कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया है और उन्होंने अपने ट्विटर के बॉयो को भी बदल दिया है। वहीं केजरीवाल ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है और कहा कि इन लोगों ने सरकार का मजाक उड़ा दिया है। अंत में बात किसान आंदोलन की करेंगे। पिछले 10 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटा हुआ है जिसकी वजह से लोगों को आवाजाही में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

कांग्रेस में नहीं रहेंगे कैप्टन

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह अब कांग्रेस में नहीं रहेंगे और पार्टी से इस्तीफा दे देंगे क्योंकि ऐसे दल में वह नहीं रह सकते जहां उन्हें अपमानित किया जाए और उन पर विश्वास न किया जाए। वैसे कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने का मतलब यह नहीं है कि वो भाजपा में शामिल हो रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने बीते दिन अमित शाह से और आज एनएसए चीफ अजीत डोभाल से मुलाकात की और अब दिल्ली को टाटा कहकर वापस चंडीगढ़ निकल गए।

चंडीगढ़ रवाना होने से पहले कैप्टन ने अपने ट्विटर अकाउंट का बॉयो भी बदल दिया। उसमें उन्होंने लिखा कि पूर्व सैनिक, पूर्व मुख्यमंत्री पंजाब, इसके आगे उन्होंने लिखा कि राज्य की सेवा करना जारी रखेंगे। वैसे आपको हम बता दें कि कैप्टन ने भाजपा में शामिल होने की अटकलों का भी जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस छोड़ देंगे और भाजपा में शामिल नहीं होंगे।

ऐसे में कैप्टन क्या करेंगे। अभी तो महज अटकलें ही लगाई जा सकती हैं। माना जा रहा है कि कैप्टन 2 अक्टूबर को एक गैर-राजनीतिक संगठन का ऐलान कर सकते हैं। जिसके माध्यम से वो पंजाब का नया अध्याय लिख सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से करीब 2 घंटे तक बातचीत। इस दौरान सुलह का रास्ता भी साफ हो गया है। हालांकि स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किन-किन मुद्दों पर बातचीत हुई है। लेकिन सुलह का फॉर्मूला तैयार हो गया है। अब 4 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक होने वाली है।

कांग्रेस पर बरसे केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया कि अगर उनकी पार्टी अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आती है, तो वह राज्य में सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज और दवाओं के साथ स्वास्थ्य गारंटी देंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर 16,000 पिंड और वार्ड क्लिनिक्स खोले जाएंगे। केजरीवाल ने कहा कि मौजूदा सरकारी अस्पतालों की स्थिति में सुधार किया जाएगा और नए बड़े चिकित्सा केंद्र खोले जाएंगे। सड़क दुर्घटना के पीड़ितों का इलाज भी निशुल्क किया जाएगा।

इसी बीच उन्होंने पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ कांग्रेस सरकार बनाई थी। लेकिन आज उन्होंने सरकार का मजाक उड़ाया है। सत्ता के लिए गंदी लड़ाई चल रही है। उनके सभी नेता मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।

केजरीवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधा ही था कि शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि हमें केजरीवाल की सलाह लेने की जरूरत नहीं है।

राजमार्गों को लेकर क्या है SC की टिप्पणी ?

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा सड़क बाधित किए जाने का जिक्र करते हुए सवाल किया कि राजमार्गों को हमेशा के लिए बाधित कैसे किया जा सकता है।

इसमें कहा कि न्यायालय द्वारा बनाए गए कानून को लागू करना कार्यपालिका का कर्तव्य है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी गेट पर दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर बाधित की गई सड़क को खोलने का अनुरोध करने वाली याचिका में किसान संगठनों को भी पक्षकार बनाने के लिए औपचारिक अर्जी दायर करने की केंद्र को अनुमति दे दी।

पीठ ने कहा, ‘‘समस्याओं का समाधान न्यायिक मंच, विरोध प्रदर्शनों या संसद में बहस के जरिए किया जा सकता है, लेकिन राजमार्गों को कैसे बाधित किया जा सकता है और यह हमेशा के लिए किया जा रहा है। यह कब समाप्त होगा ?’’

नोएडा निवासी मोनिका अग्रवाल ने अपनी याचिका में कहा कि पहले उन्हें दिल्ली पहुंचने में 20 मिनट का समय लगता था और अब उन्हें 2 घंटे लगते हैं और दिल्ली की सीमा पर यूपी गेट पर प्रदर्शनों के कारण क्षेत्र के लोगों को परेशानी हो रही है।

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