शिवराज सरकार का बिजली महा घोटाला, प्राइवेट बिजली कंपनीयों को फायदा पहुँचाने में लगी सरकार- जीतू पटवारी

By दिनेश शुक्ल | Feb 27, 2021

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से किए गए एक प्रश्न में सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की इकाई 3 और 4 जिसकी निर्माण लागत पर 6600 करोड़ रूपए सरकार ने खर्च किए और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के जन्मदिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने इसकी आधारशिला रखी लेकिन शुरू होने के 209 दिन के पहले ही टरबाईन टूट गया। जिसके बाद प्रदेश की शिवराज सरकार की बिजली खरीदी में पैसे की वसूली जारी है। 

 

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जीतू पटवारी ने बताया कि सुपर फ्रीटीकल टेक्नालाजी से कम कोयले में अधिक बिजली बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने 16 साल के शासन काल में एक मात्र पॉवर प्लांट का ही निर्माण करवा पाए जो 7,738 करोड़ में बना सबसे मंहगा प्लांट है। जिसमें 9.38 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली पैदा की जा रही है। जबकि कांग्रेस शासन काल में 40 साल पहले बने पॉवर प्लांट में 4.30 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली पैदा की जा रही है। जीतू पटवारी ने कहा कि सिंगाजी पॉवर प्लांट की 3 लाख घंटे चलने वाली टरबाईन 30 घंटे भी नहीं चल पाई। जबकि यह इकलौता प्लांट है जहाँ 1000 किलो मीटर से कोयला आता है जिसके कोयले की कीमत 1100 रूपए प्रति टन है और प्लांट तक कोयले का परिवहन के खर्च 1900 रूपए है। जबकि इसी शिवराज सरकार ने रिलायंस को सिगरौली में ही महज 10 किलो मीटर दूर कोयला खदान दी यही रिलायंस 3.37 पैसे में बिजली पैदा कर बेंच रहा है।  

 

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पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि पॉवर प्लांट बनाने वाली कंपनी एलएनटी और मिटसुवीसी ने इसका निर्माण किया। जो विश्व की जानी मानी कंपनी है द्वारा लगाया गया टरबाईन टूट गया और जब मेरे द्वारा पूछा गया कि टरबाईन क्यों टूटा तो बताया गया कि खार बन गई जबकि विश्व की यह पहली घटना है जबकि हर प्लांट में डिमीरलाइजेशन पानी प्लांट लगे है जो पानी को शुद्ध करते है, इसके अलावा परीक्षण के लिए लैब है जिसमें सैंकड़ों कर्मचारी काम करते है। जीतू पटवारी ने कहा कि 30 जनवरी 2021 को मेरे द्वारा जब प्रश्न उठाए गए तो 03 फरवरी को जाँच कमेटी बनाई गई। जांच कमेटी में भी वही लोग जो सरकार के कृपा पात्र है चोर को ही चाभी दे दी गई है। जीतू पटवारी ने कहा कि अगर सरकार निष्पक्ष जाँच करवाना चाहती है तो विधायकों की कमेटी से करवाना चाहिए। क्योंकि यह प्लांट बंद करने के पीछे साजिश के तहत बंद किया गया है। जिसमें 100 से 200 करोड़ का लेनदेन का हुआ है। जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में 700 से 800 करोड़ का घपला और भ्रष्ट्राचार किया गया है। जो बिजली प्रदेशवासियों को कम कीमत पर मिल सकती है वह सरकार प्राइवेट बिजली कंपनीयों से 14 रूपए प्रति यूनिट में खरीद रही है।   

 

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जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि बिजली के क्षेत्र में सरकार, अधिकारियों और निजी कंपनीयों की मिलीभगत के चलते यह घोटाला हुआ है। इसके पीछे प्राइवेट कंपनीयों से बिजली खरीदी के लिए सिंगाजी पॉवर प्लांट को बंद करवाया गया। जीतू पटवारी ने प्रश्न किया कि सिंगाजी पॉवर प्लांट कब चालू होगा और जो प्रति माह 3 हजार करोड़ रूपए की बिजली बनती और बिकती उसका घाटा सरकार किससे वसूलेगी इसकी जिम्मेदारी किसकी है। क्या 3 लाख घंटे की गारंटी वाला टरबाईन 30 हजार घंटे भी नहीं चला और पीजी गारंटी टेस्ट क्यों नहीं हुआ इसके लिए सरकार किस अधिकारी को जिम्मेदार मानकर निलंबित करेगी। जीतू पटवारी ने कह कि क्या शिवराज सरकार जब तक यह प्लांट चालू नहीं होता इसके मूल्यांकन का काम करेगी और इसे लेकर सरकार की आगें की क्या कार्य योजना है।