केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राजनीति को सामाजिक व राजनीतिक बदलाव का प्रभावी उपकरण बताते हुए कहा कि लोकतंत्र का मकसद समाज के सबसे आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाना है।
गडकरी सोमवार को राजस्थान विधानसभा में ‘संसदीय प्रणाली और जन अपेक्षाएं’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। संगोष्ठी का आयोजन राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ कि राजस्थान इकाई द्वारा किया गया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘राजनीति सामाजिक व राजनीतिक बदलाव का प्रभावी उपकरण है। इसलिए लोकतंत्र के माध्यम से समाज के सबसे आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति के जीवन को टिकाऊ बनाना, सामाजिक, आर्थिक परिवर्तन लाना तथा उसी से समाज एवं राष्ट्र का निर्माण करना ही लोकतंत्र का मकसद है।’’
उन्होंने कहा कि राजनीति का अर्थ क्या है इन बातों पर हम सभी को पुनर्विचार करना होगा और लोकतंत्र की भावना को समझना होगा।उन्होंने कहा, ‘‘समाज सेवा राजनीति का एक हिस्सा है, लेकिन आजकल सौभाग्य या दुर्भाग्य से हम राजनीति का अर्थ केवल सत्ताकरण समझते हैं।’’
अपने संबोधन में जल नियोजन पर जोर देते हुए गडकरी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को बदलने में सबसे बड़ी समस्या पानी है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारा सिंचित क्षेत्र 50 प्रतिशत से उपर नहीं होता है तब तक यह देश आत्मनिर्भर नहीं बन पाएगा, गांव समृद्ध संपन्न नहीं बन पाएंगे।
जब तक किसान को पानी नहीं मिलेगा तब तक देश की तस्वीर नहीं बदलेगी। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने गडकरी का स्वागत किया। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संबोधित किया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि राजनीति का अर्थ क्या है इस पर हम सभी को पुनर्विचार करना होगा और लोकतंत्र की भावना को समझना होगा।