PM मोदी के 'रेवड़ी कल्चर' वाले बयान पर छिड़ा सियासी घमासान, अखिलेश बोले- रेवड़ी शब्द असंसदीय तो नहीं?

By अंकित सिंह | Jul 16, 2022

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने के दौरान वोट के लिए रेवड़ी कल्चर का जिक्र किया। अब इसको लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान के ठीक बाद अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट के जरिए इस पर तंज कसा। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मोदी के इस बयान पर जबरदस्त तरीके से पलटवार किया है। अपने ट्वीट में अखिलेश यादव ने कहा कि रेवड़ी बाँटकर थैंक्यू का अभियान चलवाने वाले सत्ताधारी अगर युवाओं को रोज़गार दें तो वो ‘दोषारोपण संस्कृति’ से बच सकते हैं। रेवड़ी शब्द असंसदीय तो नहीं?

 

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केजरीवाल का बयान

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार की निशुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और बिजली की योजनाएं ‘मुफ्त की रेवड़ी’ नहीं हैं, बल्कि भारत को दुनिया का नंबर एक देश बनाने की नींव रखने का प्रयास है। बिना किसी का नाम लिए केजरीवाल ने कहा कि मैं आपको बताऊंगा कि कौन ‘रेवड़ी’ बांट रहा है और मुफ्त सौगात दे रहा है। दोस्तों का हजारों करोड़ रुपये का कर्ज माफ करना और दोस्तों के लिए विदेशी दौरों से हजारों करोड़ रुपये का ठेका लेना मुफ्त उपहार है। केजरीवाल ने कहा कि फरिश्ते योजना के माध्यम से हमने हादसों में घायल हुए लोगों का समय पर मुफ्त इलाज कर 13,000 लोगों की जान बचाई। उनके परिवार वालों से पूछिए कि केजरीवाल ‘‘रेवड़ी’’ बांट रहे हैं या कोई नेक काम कर रहे हैं।

 

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मोदी ने क्या कहा था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुफ्त में सुविधाएं उपलब्ध कराने वाली राजनीति की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यह ‘‘रेवड़ी कल्चर’’ देश के विकास के लिए बहुत घातक है। ’प्रधानमंत्री ने कहा कि नये भारत के समक्ष भी चुनौतियां हैं, जिन्हें अगर अभी नजरअंदाज किया जाए तो आने वाली पीढ़ियों के लिए नुकसानदेह साबित होंगी। उन्होंने कहा कि आपका वर्तमान बर्बाद हो जाएगा और भविष्य अंधकार में डूब जाएगा। सतर्क रहना जरूरी है। मोदी ने कहा कि आज हमारे देश में ‘रेवड़ियां’ बांट कर वोट जुटाने की संस्कृति जड़ जमा रही है। यह ‘रेवड़ी कल्चर’ देश के विकास के लिए बहुत घातक है। देश के लोगों खास तौर से युवाओं को इस संस्कृति के खिलाफ सतर्क रहनेकी जरूरत है।

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