By अंकित सिंह | Nov 26, 2020
अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच सियासी लड़ाई लगातार बढ़ती जा रही है। इसके साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव देखने को मिल रहा है। 2014 के बाद भाजपा पश्चिम बंगाल में एक मजबूत दल के रूप में उभरी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में उसके प्रदर्शन ने भी साफ तौर पर ममता बनर्जी की परेशानी को जरूर बढ़ा रही होगी। इस बीच, भाजपा की ओर से अगले साल पश्चिम बंगाल में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। बकायदा, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह हर महीने पश्चिम बंगाल के दौरे कर सकते हैं। लेकिन दूसरी ओर देखे तो ममता बनर्जी के लिए मुश्किलें लगातार बढ़ रही है। एंटी इनकंबेंसी के साथ-साथ उन्हें अपने विधायकों और नेताओं की भी नाराजगी झेलनी पड़ रही है। इसका फायदा भाजपा उठाने की लगातार कोशिश में है।
उधर, ममता बनर्जी भी चुनाव को लेकर अपने तरकश की हर तीर को आजमाने की कोशिश कर रही हैं। इसी के तहत अब उन्होंने पश्चिम बंगाल के अलग-अलग गांवों का दौरा करना भी शुरू कर दिया है। लोगों के हितों की बात कर रही हैं और अधिकारियों को भी गांव के कल्याण के लिए अलग-अलग तरह के निर्देश दे रही हैं। वह लगातार इस बात का भी हुंकार भर रही है कि भाजपा चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में उन्हीं की सरकार बनेगी। भाजपा के हिंदुत्व कार्ड को काटने के लिए ममता बनर्जी अब बंगला अस्मिता के कार्ड आगे रख रही हैं। बांग्ला संस्कृति को बचाने की बात कर रही हैं और भाजपा पर इसे खत्म करने का आरोप भी लगा रही हैं। ममता ने राज्य में संगठन की जिम्मेदारी में आ रहे बाहर के भाजपाई नेताओं पर भी तंज कसते हुए कहा कि बंगाल में बाहरियों के लिए कोई जगह नहीं जो चुनाव के दौरान सिर्फ दिखाई देते हैं।
ममता बनर्जी भले ही कोरोनावायरस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की बैठक में शामिल हुई थीं पर राजनीतिक तौर पर दोनों ही नेताओं के खिलाफ उनका आक्रमक रवैया लगातार देखने को मिल रहा है। ममता बनर्जी खास करके अमित शाह पर अपनी जुबानी हमले लगातार तेज कर रही हैं। अमित शाह पर हमला करते हुए कह रही हैं कि वह पश्चिम बंगाल को दंगे वाले गुजरात में तब्दील नहीं होने देंगी। अमित शाह पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा कि हमने अपने करियर में ऐसा गृह मंत्री कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि वे कहते हैं कि पश्चिम बंगाल को गुजरात में बदल देंगे। क्या वे हमारे बंगाल को दंगों से भरे गुजरात जैसी जगह बनाना चाहते हैं? हम कभी दंगे नहीं होने देंगे। इससे पहले ममता बनर्जी ने भाजपा को ‘झूठ का पुलिंदा’ और ‘देश के लिए सबसे बड़ा अभिशाप’ करार देते हुए भगवा पार्टी को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती दी थी और कहा था कि वह जेल से भी आगामी विधानसभा चुनाव में तृणमूल की जीत सुनिश्चित करेंगी।
भाजपा पर तृणमूल कांग्रेस के विधायकों को रिश्वत देकर अपने पाले में लाने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग निष्पक्ष होने का नाटक करते हैं और इस मुगालते में हैं कि भगवा पार्टी राज्य की सत्ता में आ सकती है। कोविड-19 के बाद अपनी पहली प्रमुख रैली को यहां संबोधित करते हुए ममता ने कहा, ‘‘लेकिन मैं उन्हें स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मैं भाजपा और उसकी एजेंसियों से नहीं डरती। अगर उनमें साहस है तो वे मुझे गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल सकते हैं। मैं जेल से चुनाव लड़ूंगी और तृणमूल कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करूंगी। हाल में हुए बिहार चुनाव का संदर्भ देते हुए ममता ने कहा कि यहां तक कि राजद नेता लालू प्रसाद यादव को जेल में डाल दिया गया था, इसके बावजूद उनकी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया।