By अंकित सिंह | May 02, 2023
Prabhasakshi News Network के खास साप्ताहिक कार्यक्रम Chai Par Sameeksha में इस सप्ताह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर लग रहे आरोप, कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए गर्माती राजनीति और बिहार में गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन सिंह की रिहाई जैसे मुद्दों पर चर्चा की गयी। इस दौरान प्रभासाक्षी संपादक नीरज दुबे ने कहा कि आंदोलन से उपजी आम आदमी पार्टी (AAP) ने देश को ईमानदार राजनीति का सपना दिखाया था। आंदोलन से उपजी आम आदमी पार्टी ने देश की राजनीतिक व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन लाने का वादा कर देश में एक नया विश्वास जगाया था। इंडिया अगेंस्ट करप्शन (IAC) के नेता अरविंद केजरीवाल के तेवर देखकर आम आदमी को लगा था कि भ्रष्टाचार अब तेरी खैर नहीं। लेकिन भ्रष्टाचार मिटने की बजाय बढ़ गया।
नीरज दुबे ने यह भी कहा कि आप नेताओं की बात करें तो वह अपने बयान में बार-बार कह रहे हैं प्रधानमंत्री ने इतने करोड़ का बंगला बनवा दिया। शिवराज सिंह चौहान ने इतने करोड़ खर्च कर दिया। लेकिन आम आदमी पार्टी को अपने राष्ट्रीय संयोजक की बात करनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान ने यह नहीं कहा था कि वह सरकारी सुविधाएं नहीं लेंगे। वह आम लोगों की तरह पार्टी को चलाएंगे। अरविंद केजरीवाल ने इस बात को बार-बार कहा था कि वह कोई भी सरकारी सुविधा नहीं लेंगे। आम लोगों की तरह दिल्ली में रहेंगे। लेकिन आज वह पूरी तरीके से बदल चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने आप पार्टी के नेताओं से पूछा कि क्या देश के प्रधानमंत्री के आवास को आधुनिक सुविधाओं से लैस नहीं किया जाना चाहिए? प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच में क्या अंतर नहीं होना चाहिए?
नीरज दुबे ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए प्रचार जैसे-जैसे गर्माता जा रहा है वैसे-वैसे विवादित बयानों की बाढ़ आती जा रही है। प्रधानमंत्री पर अमर्यादित टिप्पणी की जा रही है, दूसरी पार्टी जीती तो राज्य में दंगे हो जाएंगे जैसी बातें कही जा रही हैं, धर्म के आधार पर आरक्षण को प्रमुख मुद्दा बनाया जा रहा है। यह सब दर्शाता है कि हर राजनीतिक पार्टी कर्नाटक की जनता का ध्यान असल मुद्दों से हटाना चाहती है। जरूरत इस बात की है कि नेता कर्नाटक की जनता को बताएं कि उनकी समस्याओं का हल कैसे निकालेंगे जबकि हो यह रहा है कि एक दल दूसरे दल से जनता को डरा कर उसका वोट हासिल करना चाह रहा है।
प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि बिहार का मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने राज्य की जंगल राज की छवि को सुधारा और कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया जिसके चलते उन्हें सुशासन बाबू कहा गया। लेकिन अब सुशासन बाबू शायद अपने सारे किये कराये पर पानी फेरने में जुटे हैं। कई घोटालों के आरोपों को झेल रहे लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ गठबंधन करने के बाद अब सुशासन बाबू ने एक IAS Officer की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व सांसद और गैंगस्टर आनंद मोहन सिंह को रिहा करवा दिया है। माना जा रहा है कि ऐसा उन्होंने वोटों की राजनीति के चलते किया।