By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 23, 2023
जम्मू-कश्मीर में कई राजनीतिक दलों ने शनिवार को प्रदर्शन किया और पूछताछ के लिए सेना द्वारा कथित तौर पर पकड़े गए तीन लोगों की रहस्यमयी हालात में मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि सेना ने पूछताछ के लिए 15 लोगों को पकड़ा था, जिनमें से तीन की मौत हो गई जबकि बाकी बचे लोग गंभीर रूप से घायल हैं। महबूबा ने शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, पुंछ हमले के बाद सेना ने पूछताछ के लिए टोपा पीर गांव से 15 लोगों को पकड़ा था, जिनमें से तीन लोगों के शव मुठभेड़ स्थल के समीप से बरामद किए गए, जिन पर चोट के गंभीर निशान थे।
बाकी बचे 12 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत गंभीर है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रशासन से तीनों मृतकों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा देने को मंजूरी प्रदान करने की मांग की है। उन्होंने कहा, मैंने उपराज्यपाल से मामले की जांच पूरी होने तक तीनों परिवारों को राहत के रूप में 50-50 लाख रुपये प्रदान करने और अस्पताल में भर्ती घायलों को पांच-पांच लाख रुपये देने का अनुरोध किया है। उनके परिवार बेहद गरीब हैं। इस बीच, ‘अपनी पार्टी’ के कश्मीर प्रांत के अध्यक्ष अशरफ मीर के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने तीन लोगों की मौत के विरोध में शनिवार को यहां चर्च लेन इलाके में पार्टी मुख्यालय पर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने अपने कार्यालय के बाहर मार्च निकालने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। मीर ने संवाददाताओं से कहा, हम नागरिकों की मौत के लिए न्याय चाहते हैं। मामले की गहन जांच होनी चाहिए। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने भी शनिवार को इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों से निर्दोषों का खून-खराबा रोकने की मांग करते हुए नारे लगाए। कार्यकर्ताओं ने जब अपनी पार्टी कार्यालय से बाहर निकलने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें भी रोक दिया।