यूपी में राजनीतिक दलों ने शुरू की चुनावी तैयारी तो पश्चिमी यूपी में नाराजगी कैसे दूर करेगी BJP ?

By अंकित सिंह | Sep 11, 2021

अगले साल उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनाव होने हैं। ऐसे में इन राज्यों में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। राजनीतिक दल तमाम दांव-पेंच लगाने में जुट गए हैं। सबसे ज्यादा निगाहें उत्तर प्रदेश पर है जहां के बारे में एक कहावत खूब प्रचलित है कि लखनऊ के रास्ते ही दिल्ली की गद्दी हासिल की जा सकती है। यही कारण है कि भाजपा अपनी सत्ता बचाने की लगातार कोशिश में है तो वहीं विपक्ष उत्तर प्रदेश के ही जरिए केंद्र में अपनी वापसी के रास्ते तलाशने की फिराक में है। इसी को लेकर हमने इस बार के प्रभासाक्षी के कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में चर्चा की। हमने नीरज दुबे से यह जानना चाहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश की चुनावी परिस्थितियां कैसी हैं और किस दल की स्थिति क्या है?

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नीरज दुबे ने इस बात को स्वीकार किया कि वर्तमान में देखें तो उत्तर प्रदेश में भाजपा एक बार फिर से मजबूती से सत्ता में वापसी करती हुई दिख रही है जो कि हाल में ही एक सर्वे में भी यही बात सामने आया था। लेकिन यह बात भी सही है कि पिछली बार के मुकाबले इस बार सीटों की संख्या कम हो सकती है। यूपी में सीधी लड़ाई भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच में है। इसी में हमने सवाल किया कि क्या मायावती और असदुद्दीन ओवैसी यूपी में कोई फैक्टर है? इस बात इसको लेकर नीरज दुबे ने कहा कि मायावती इस बार थोड़ी बदली-बदली नजर आ रही हैं लेकिन मायावती का जो वोट बैंक हुआ करता था वह अब खिसक चुका है। ऐसे में उन्हें अतिरिक्त मेहनत करने की जरूरत है जिसकी शुरुआत तो उन्होंने की है लेकिन अभी देखना होगा कि वह जमीन पर कितना उतर पाता है। ओवैसी को लेकर नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि ओवैसी मुस्लिम मतदाताओं को अपनी तरफ खींच सकते हैं। इस वजह से समाजवादी पार्टी या फिर मायावती को नुकसान होगा जबकि भाजपा के लिए यह अनुकूल परिस्थितियां हो जाएगी।


पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ताजा हालात को लेकर हमने जब नीरज दुबे से सवाल किया कि क्या भाजपा यहां अब भी 2017 की ही तरह मजबूती से ऊभर पाएगी। जवाब में नीरज दुबे ने कहा कि अब भी चुनाव में वक्त है। भाजपा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रूप से काम करती रहती है। ऐसे में जो भीड़ हम किसान आंदोलन में देख रहे हैं वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों की ही नहीं बल्कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से भी लोग आकर उस में जमा हो रहे हैं। ऐसे में हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि भाजपा को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वोट नहीं मिलेगा। जो असली किसान हैं उन्हें लग रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार लगातार किसानों के लिए काम कर रही है। उन्हें सीधे मदद उनके खातों में पहुंच रहे हैं। एमएसपी को बढ़ाया गया है। हमने किसान आंदोलन पर भी सवाल किया कि यह अब यह किस ओर जा रहा है, तो नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि आंदोलन अब मुद्दों से भटक गया है, अब राजनीतिक हो गया है और आंदोलन के नाम पर आम लोगों के हक को मारा जा रहा है।


भाजपा ने प्रधान को उप्र, शेखावत को पंजाब, फडणवीस को गोवा का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया


भारतीय जनता पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति कर दी। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को उत्तर प्रदेश, जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पंजाब, वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को मणिपुर, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद पटेल को उत्तराखंड और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को गोवा का प्रभारी बनाया गया है। भाजपा महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी अलग-अलग विज्ञप्तियों में यह जानकारी दी गई। उत्तर प्रदेश में धर्मेंद्र प्रधान के साथ केंद्रीय मंत्रियों अनुराग सिंह ठाकुर, अर्जुन राम मेघवाल, शोभा करंदलाजे, अन्नपूर्णा देवी के अलावा पार्टी महासचिव सरोज पांडे, हरियाणा के पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर को सह प्रभारी बनाया गया है। पार्टी ने चुनावी रूप से सबसे अहम इस राज्य में क्षेत्रवार छह संगठन प्रभारियों की भी नियुक्ति की है। लोकसभा के सदस्य संजय भाटिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बिहार के विधायक संजीव चौरसिया को बृज क्षेत्र, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सत्या कुमार को अवध क्षेत्र, राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष सुधीर गुप्ता को कानपुर क्षेत्र, राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन को गोरखपुर और उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी सुनील ओझा को काशी क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने गजेंद्र सिंह शेखावत को राज्य का प्रभारी बनाया है। पंजाब में शेखावत के सहयोग के लिए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, मीनाक्षी लेखी और लोकसभा के सांसद विनोद चावड़ा को सह प्रभारी नियुक्त किया गया है। भाजपा सबसे ज्यादा, पंजाब में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध का सामना कर रही है। पार्टी पंजाब में एक मजबूत ताकत के रूप में उभरने के लिए सभी मुमकिन प्रयास कर रही है। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और शिरोमणि अकाली दल-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन तथा भाजपा के बीच मुकाबला होना है। ज्ञात हो भाजपा लंबे अरसे बाद पंजाब राज्य विधानसभा के चुनाव में अकेले हीमैदान में उतरेगी। इससे पहले उसका शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन हुआ करता था लेकिन कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। बाद में शिअद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से भी अलग हो गया। 


केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को उत्तराखंड का चुनाव प्रभारी बनाया गया है। इस पहाड़ी राज्य में सह प्रभारी के रूप में पश्चिम बंगाल की सांसद लॉकेट चटर्जी और राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह को नियुक्त किया गया है। यहां भाजपा का सीधा मुकाबला कांग्रेस से होता रहा है। इस बार विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी भी खम ठोंकने को तैयार है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को मणिपुर का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है जबकि केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक और असम सरकार के मंत्री अशोक सिंघल को यहां का सह प्रभारी बनाया गया है। फडणवीस को गोवा का प्रभारी नियुक्त किया गया है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी और केंद्रीय रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश को यहां के लिए सह प्रभारी नियुक्त किया गया है। वर्ष 2022 की शुरुआत में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। 


ज्ञात हो कि किसी भी राज्य के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा उस राज्य में एक चुनाव प्रभारी और उसके सहयोग के लिए कुछ सह प्रभारी नियुक्त करती आई है। सामान्य तौर पर प्रभारी की जिम्मेदारी पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता को दी जाती है। आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने इस बार कुल 13 मंत्रियों को मोर्चे पर लगाया है। इनमें से सात कैबिनेट मंत्री हैं। चुनावी राज्यों में प्रभारी की भूमिका बहुत अहम अहम होती है। पार्टी की रणनीति को अंजाम देने से लेकर टिकटों के बंटवारे और प्रचार-प्रसार में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस निकालेगी 12 हजार किलोमीटर लंबी यात्रा


कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा के नेतृत्व में गांवों और कस्बों से 12,000 किलोमीटर लंबी यात्रा निकालने का फैसला किया। पार्टी ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। प्रियंका गांधी वाद्रा ने शुक्रवार को प्रदेश चुनाव समिति की भी बैठक की और चुनावी रणनीति पर चर्चा की। प्रदेश स्‍तरीय चुनाव समिति की अगली बैठक अब पांच अक्टूबर को होगी। कांग्रेस के एक पदाधिकारी के अनुसार, प्रियंका ने चुनाव को लेकर अलग-अलग क्षेत्रों की बैठक की और कहा कि अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे में संगठन की राय महत्‍वपूर्ण होगी। उन्‍होंने पूर्वांचल जोन के 143 ब्लॉकों की गहन समीक्षा की और इसके बाद बुंदेलखंड जोन के कार्यकर्ताओं को भी चुनावी तैयारी के लिए प्रेरित किया। इसके पहले कांग्रेस मुख्‍यालय से जारी बयान में कहा गया कि पार्टी के सदस्यों के साथ वाद्रा की बैठक में कांग्रेस प्रतिज्ञा यात्रा: हम वचन निभाएंगे’’ नाम से यात्रा निकालने का निर्णय लिया गया है।


पश्चिमी यूपी में सक्रियता से काम करेंगे 'मोदी मैन' एके शर्मा


किसान आंदोलन की वजह से पश्चिम यूपी में बीजेपी की समीकरण गड़बड़ा रहा है। 2013 मुजफ्फरनगर दंगे के बाद बीजेपी में आया जाट वोटर किसान आंदोलन की वजह से उससे छिटकता दिखाई दे रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी और उत्तर प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष अरविंद कुमार शर्मा डैमेज कंट्रोल के लिए मैदान में उतर रहे हैं। शर्मा 10 सितंबर से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर में जनसभाएं कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता से संपर्क साधेंगे। पूर्व आईएएस अधिकारी एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी रहे शर्मा ने कहा कि वह अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रियता के साथ काम करेंगे। बुलंदशहर जिले की उनकी यात्रा 10 तारीख को शुरू होगी। वह गौतम बुद्ध नगर जिले में 12 सितंबर को नोएडा और 13 सितंबर को ग्रेटर नोएडा के निवासियों के साथ बैठक करेंगे। इस यात्रा के दौरान वह स्थानीय व्यापार एवं उद्योग निकायों के प्रतिनिधियों के साथ भी संवाद करेंगे।  


मायावती ने मुख्तार का टिकट काटा, एआईएमआईएम ने कहा- हम देंगे टिकट


बसपा प्रमुख मायावती ने घोषणा की कि जेल में बंद मुख्तार अंसारी को आगामी विधानसभा चुनाव में मऊ से पार्टी का प्रत्याशी नहीं बनाया जाएगा। इससे कुछ दिनों पहले ही उन्होंने कहा था कि अब वह मूर्तियों और स्मारकों के निर्माण का प्रयास नहीं करेंगी, बल्कि कानून का शासन स्थापित करके उत्तर प्रदेश का चेहरा बदलने पर ध्यान केंद्रित करेंगी। उधर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने से कहा, अगर मुख्तार अंसारी उनकी पार्टी से संपर्क करेंगे तो वह उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देगी और चुनाव जिता कर भी लायेगी क्योंकि अदालत ने उन्हें अब तक अपराधी नही माना हैं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने कहा कि बसपा अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में ‘बाहुबली’ अथवा माफिया आदि को उम्मीदवार नहीं बनाने के प्रयास करेगी और इसी के साथ उन्होंनेविभिन्न आपराधिक मामलों में जेल में बंद मुख्तार अंसारी को मऊ से दोबारा पार्टी का टिकट नहीं देने की घोषणा की। मायावती ने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर मऊ सीट से चुनाव लड़ेंगे। अंसारी मऊ से पांच बार के विधायक हैं, अप्रैल में उन्हें उच्च पुलिस सुरक्षा में पंजाब की रोपड़ जेल से वापस उत्तर प्रदेश लाया गया और इस समय वह बांदा की जेल में बंद हैं।

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नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री अखिलेश व मायावती की नासमझी से बने: ओवैसी


ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम)के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश (यादव) एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती की नासमझी की वजह से बने। ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के अपने दौरे के दूसरे दिन बुधवार को विरोधियों के उन आरोपों को खारिज किया, जिसमें उन्हें राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में वोट काटने वाले के रूप में पेश किया गया था। अयोध्या के रूदौली से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के अभियान की शुरुआत करने के एक दिन बाद ओवैसी सुल्तानपुर जिले के ओदरा गांव में बुधवार को एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। बाद में ओवैसी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज का मुसलमान जान चुका है कि कई पार्टियां उनके वोट तो लेती हैं लेकिन उनका नेता नहीं बनाती और न ही पार्टी में उनकी कोई इज्जत होती है। इससे पहले ओवैसी ने जनसभा में कहा कि कहा जाता है़ ओवैसी लड़ेगा तो वोट काट देगा।


उन्होंने सवाल किया कि सुलतानपुर में आप सबने अखिलेश यादव को झोली भर कर वोट दिया तो सूर्या (सूर्यभान सिंह भाजपा विधायक) कैसे जीते? 2019 में लोकसभा के चुनाव में सुलतानपुर से भाजपा कैसे जीती, तब ओवैसी तो चुनाव नहीं लड़ रहा था। क्या अखिलेश यादव ने कहा कि हिंदू ने वोट नहीं किया इसलिए हारे? क्यों मुसलमानों को कहते हैं, मुसलमानों ने वोट नहीं दिया, क्या मुसलमान कैदी हैं? ओवैसी ने ये भी कहा कि दो बार भाजपा मुसलमानों के वोटो से नहीं जीती है़। इस आरोप को खारिज करते हुए कि उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़कर ओवैसी भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों के वोट खराब करेंगे, हैदराबाद के सांसद ने सवाल किया, ‘‘जब आप सभी (मुसलमानों) ने अखिलेश यादव की पार्टी को वोट दिया तो पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से एक भाजपा उम्मीदवार कैसे जीता? इसी तरह भाजपा ने 2019 में सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव कैसे जीता, जबकि एआईएमआईएम वहां नहीं लड़ी थी?’’


मंडल मुख्यालयों में ‘किसान पंचायत’ का आयोजन करेगा संयुक्त किसान मोर्चा


केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग समेत किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा इस महीने उत्तर प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों में ‘किसान पंचायत’ आयोजित करेगा। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बृहस्पतिवार को यहां पीटीआई-से कहा कि ऐसी पहली पंचायत 20 सितंबर को शाहजहांपुर मंडल मुख्यालय में आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि बीकेयू उत्तर प्रदेश में अन्य पंचायतों के आयोजन के लिए तारीख तय कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान यूनियन प्रदेश के सभी 18 मंडलों में पंचायत का आयोजन करेगी।

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देश में लग चुका है सेल फार इंडिया का बोर्ड, बड़े आंदोलन चलाने पड़ेंगे: राकेश टिकैत


अगले वर्ष की शुरुआत में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ अपने इरादे को बुलंद करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने दावा किया कि सेल फार इंडिया का बोर्ड देश में लग चुका है और जो देश बेच रहे हैं उनकी पहचान करनी पड़ेगी और बड़े-बड़े आंदोलन चलाने पड़ेंगे। मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि आज संयुक्त किसान मोर्चा ने जो फैसले लिए हैं उसके तहत हमें पूरे देश में बड़ी-बड़ी सभाएं करनी पड़ेंगी। अब यह मिशन केवल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का मिशन नहीं, अब यह मिशन संयुक्त मोर्चे का देश बचाने का मिशन होगा। यह देश बचेगा तो यह संविधान बचेगा। लड़ाई उस मुकाम पर आ गई है और जो बेरोजगार हुए हैं यह लड़ाई उनके कंधों पर हैं। उन्होंने कहा कि हमें फसलों पर एमएसपी की गारंटी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा था कि 2022 में किसानों की आय दोगुनी होगी और पहली जनवरी से हम दोगुनी रेट पर फसल बेचेंगे। हम जाएंगे देश की जनता के बीच में और पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन करेगा।


टिकैत ने कहा कि जिस तरह एक-एक चीज बेची जा रही है, तीनों कृषि कानून उसी का एक हिस्सा हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर देश की जनता को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि इनका धोखा नंबर एक है कि यहां पर रेल, हवाई जहाज और हवाई अड्डे बेचे जाएंगे। धोखा नंबर दो- बिजली बेचकर निजीकरण करेंगे, यह कहीं घोषणा पत्र में नहीं लिखा। जब वोट मांगते तो नहीं कहा कि बिजली भी बेचेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि ये सड़क बेचेंगे और पूरी सड़कों पर टैक्स लगेगा और राष्ट्रीय राजमार्ग के पांच सौ मीटर तक कोई चाय की गुमटी भी नहीं लगा सकता। देखना ये क्‍या क्‍या चीज बेच रहे हैं। सेल फार इंडिया का बोर्ड देश में लग चुका है। यह एलआईसी, बड़ी कंपनी, बैंक सब बिक रहे हैं। देश के बंदरगाह बेच दिये गये हैं। ये जल को बेच रहे हैं, निजी कंपनियों को नदियां बेची जा रही हैं। ये कभी भी बोर्ड लगा सकते है कि भारत बिकाऊ है।


- अंकित सिंह

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