By अनुराग गुप्ता | Oct 01, 2021
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 और अमृत 2.0 का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने देशवासियों को बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा कि साल 2014 में देशवासियों ने भारत को खुले में शौच से मुक्त करने का संकल्प लिया था। 10 करोड़ से ज्यादा शौचालयों के निर्माण के साथ देशवासियों ने ये संकल्प पूरा किया। अब स्वच्छ भारत मिशन- अर्बन 2.0 का लक्ष्य है कचरा मुक्त शहर, कचरे के ढेर से पूरी तरह मुक्त शहर बनाना है।
पीएम मोदी ने कहा कि अमृत मिशन देशवासियों की और मदद करने वाला है। शहरों में शत-प्रतिशत लोगों की साफ पानी तक पहुंच हो। शहरो में सीवेज का बेहतरीन प्रंबधन हो। इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मिशन अमृत के अगले चरण में देश का लक्ष्य है- सीवेज और सेप्टिक मैनेजमेंट बढ़ाना, अपने शहरों को जल सुरक्षित शहर बनाना और ये सुनिश्चित करना कि हमारी नदियों में कहीं पर भी कोई गंदा नाला न गिरे।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान और अमृत मिशन की अब तक की यात्रा वाकई हर देशवासी को गर्व से भर देने वाली है। इसमें मिशन भी है, मान भी है, मर्यादा भी है, एक देश की महत्वाकांक्षा भी है और मातृभूमि के लिए अप्रतिम प्रेम भी है। देश ने स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से जो हासिल किया है वो हमें आश्वस्त करता है कि हर भारतवासी अपने कर्तव्यों के लिए कितना संवेदनशील है।पीएम मोदी ने कहा कि हर सफलता में भारत के हर नागरिक का योगदान है, सबका परिश्रम है, सबका पसीना है। हमारे स्वच्छताकर्मी, हमारे सफाई मित्र हर रोज झाड़ू उठाकर सड़कों को साफ करने वाले हमारे भाई-बहन कूड़े के बदबू को बर्दास्त करते हुए कचरा साफ करने वाला हमारे साथी सच्चे अर्थ में इस अभियान के महानायक हैं। कोरोना के कठिन समय में उनके योगदान को देश ने करीब से देखा है, अनुभव किया है।PM ने किया बाबा साहेब का जिक्र
इस दौरान पीएम मोदी ने बाबा साहेब का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब, असमानता दूर करने का बहुत बड़ा माध्यम शहरी विकास को मानते थे। बेहतर जीवन की आकांक्षा में गांवों से बहुत से लोग शहरों की तरफ आते हैं। हम जानते हैं कि उन्हें रोजगार तो मिल जाता है लेकिन उनका जीवन स्तर गांवों से भी मुश्किल स्थिति में रहता है।उन्होंने कहा कि ये उन पर एक तरह से दोहरी मार की तरह होता है। एक तो घर से दूर, और ऊपर से ऐसी स्थिति में रहना। इस हालात को बदलने पर, इस असमानता को दूर करने पर बाबा साहेब का बड़ा जोर था। स्वच्छ भारत मिशन और मिशन अमृत का अगला चरण, बाबा साहेब के सपनों को पूरा करने की दिशा में भी एक अहम कदम है।ग्रामीण भारत में दिखती है साफ-सफाईपीएम मोदी ने कहा कि आजादी के इस 75वें साल में देश ने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के साथ ही सबका प्रयास का आह्वान भी किया है। सबका प्रयास की भावना स्वच्छता के लिए भी उतनी ही जरूरी है, आपमें से कई लोग दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में जरूर गए होंगे, आदिवासी समाज के पारंपरिक घरों को जरूर देखा होगा। कम संसाधनों के बावजूद उनके घरों में स्वच्छता और सौंदर्य को देखकर हर कोई आकर्षित हो जाता है। ऐसे ही आप उत्तर पूर्वी राज्य में जाइये, हिमाचल या उत्तराखंड के पहाड़ों पर जाइये। पहाड़ों पर छोटे-छोटे घरों में साफ-सफाई की वजह से एक अलग तरह की ऊर्जा प्रवाहित होती है।निर्मल गुजरात अभियान
उन्होंने कहा कि निर्मल गुजरात अभियान जब जन-आंदोलन बना था, तो उसके बहुत अच्छे परिणाम भी मिले। इससे गुजरात को नई पहचान तो मिली ही, राज्य में पर्यटन भी बढ़ा। जन-आंदोलन की ये भावना स्वच्छ भारत मिशन की सफलता का आधार है।उन्होंने कहा कि हमें ये याद रखना है कि स्वच्छता, एक दिन का, एक पखवाड़े का, एक साल का या कुछ लोगों का ही काम है, ऐसा नहीं है। स्वच्छता हर किसी का, हर दिन, हर पखवाड़े, हर साल, पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला महाअभियान है। स्वच्छता जीवनशैली है, स्वच्छता जीवन मंत्र है।यहां सुनें पूरा संबोधन:-