By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 15, 2020
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से भारत की संप्रभुता को चुनौती देने के लिए चीन और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया और आत्मनिर्भर भारत की अपनी परिकल्पना पर जोर देते हुए राष्ट्रीय डिजीटल स्वास्थ्य अभियान सहित कई अन्य प्रमुख योजनाओं की घोषणा की। ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से 74वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ पर खासा जोर दिया और इसे विश्व कल्याण के लिए भी जरूरी बताया तथा भारत के विकास की एक भावी रूपरेखा प्रस्तुत की। बतौर प्रधानमंत्री यह मोदी का लाल किले की प्राचीर से लगातार सातवां संबोधन था।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 का टीका अभी परीक्षण के विभिन्न चरणों में है और जैसे ही वैज्ञानिक इसे हरी झंडी देंगे, बड़े पैमाने पर इसके उत्पादन की तैयारी है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी भी आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से देश को नहीं डिगा सकती। जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया खत्म होते ही चुनाव कराने की देश की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि नई ऊर्जा के साथ यह केंद्र शासित प्रदेश विकास के मार्ग पर आगे बढ़ें, इसके लिए प्रयास भी हो रहे हैं। पारम्परिक कुर्ता-पायजामा और माथे पर साफा पहने प्रधानमंत्री ने 86 मिनट के अपने संबोधन के मौके पर चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उन्हें कड़ा संदेश दिया और बल देकर कहा कि भारत आतंकवाद और विस्तारवाद का कड़ाई से मुकाबला कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लेकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने.. देश की सेना ने उसका उसी की में जवाब दिया है।’’ प्रधानमंत्री का यह बयान चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच आया है। उधर, पाकिस्तान सीमा पर नियंत्रण रेखा पर हाल के कुछ महीनों में युद्धविराम के उल्लंघन की घटनाओं में बहुत इजाफा हुआ है। मोदी ने कहा, ‘‘भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरा देश एक जोश से भरा हुआ है। संकल्प से प्रेरित है और सामर्थ्य पर अटूट श्रद्धा के साथ आगे बढ़ रहा है। इस संकल्प के लिए हमारे वीर-जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है... ये लद्दाख में दुनिया ने देख लिया है।’’
प्रधानमंत्री ने गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आतंकवाद हो या विस्तारवाद, भारत आज इनका डटकर मुकाबला कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं लाल किले से उन सभी वीर जवानों को नमन करता हूं।’’ विगत 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद स्थिति बिगड़ गई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीनी पक्ष के सैनिक भी हताहत हुए थे लेकिन इस बारे में चीन द्वारा अब तक कोई ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया गया है। विदेश नीति के मुद्दे पर मोदी ने कहा कि आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं हैं जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं। जहां रिश्तों में समरसता होती है, मेल जोल रहता है।
उन्होंने कहा कि भारत के जितने प्रयास शांति और सौहार्द के लिए हैं, उतनी ही प्रतिबद्धता अपनी सुरक्षा के लिए, अपनी सेना को मजबूत करने की है। अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण के शिलान्यास का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इस सदियों पुराने विषय का शांतिपूर्ण समाधान हो चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘देश के लोगों ने जिस संयम के साथ और समझदारी के साथ आचरण किया है, व्यवहार किया है, यह अभूतपूर्व है और भविष्य के लिए हमारे लिए प्रेरणा कारक है। शांति, एकता और सद्भावना...यही तो आत्मनिर्भर भारत की ताकत बनने वाली है। यही मेलजोल, यही सद्भाव भारत के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है। इसी सद्भाव के साथ हमें आगे बढ़ना है।’’
राष्ट्रीय डिजीटल स्वास्थ्य अभियान की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई क्रांति ले आएगा। इससे इलाज में आने वाली परेशानियां कम करने के लिए तकनीक का बहुत सुविचारित रूप से उपयोग होगा। उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक भारतीय को स्वास्थ्य पहचान पत्र दिया जाएगा। ये प्रत्येक भारतीय के स्वास्थ्य खाते की तरह काम करेगा। आपके स्वास्थ्य संबंधी जारी जानकारी इसमें समाहित की जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि भागदौड़ हो और तमाम दिक्कतों व मुसीबतों से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 का टीका अभी परीक्षण के विभिन्न चरणों में है और जैसे ही वैज्ञानिक इसे हरी झंडी देंगे, बड़े पैमाने पर इसके उत्पादन की तैयारी है ताकि कम से कम समय में यह अधिक से अधिक लोगों को उपलब्ध हो सके।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं लोगों को बतलाना चाहता हूं कि हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा ऋषि-मुनियों जैसी है और वे इस दिशा में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। आज भारत में कोराना की एक नहीं, दो नहीं... तीन-तीन टीके इस समय परीक्षण के चरण में हैं। जैसे ही वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिलेगी, देश की तैयारी उन टीकों का बड़े पैमाने पर उत्पादन की भी तैयारी है।’’ उन्होंने कहा कि टीका तैयार हो जाने के बाद कम से कम समय में अधिक से अधिक लोगों तक यह पहुंचे यह सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन का खाका भी तैयार है। मोदी ने आर्थिक नीतियों में सुधार, कारोबार की सुगमता और अर्थव्यवस्था आधुनिकता की तरफ तेज गति से ले जाने के लिये 110 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजना पाइपलाइन (एनआईपी) विकसित करने जैसे सरकार की पहल का जिक्र करते हुए कहा कि भारत आत्मनिर्भर बनने के लिए आज जरूरी आत्म विश्वास से भरा हुआ है।
उन्होंने कहा कि दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां आज भारत की तरफ देख रही हैं। सरकार के सुधारों के परिणाम दिख रहे हैं और पिछले साल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कंपनियोंने कोराना संकट के दौरान भी भारत में भारी पूंजी निवेश किया है। कच्चे माल के निर्यात की बजाय मूल्यवर्धित और तैयार उत्पाद विनिर्माण करने की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, तैयार उत्पाद बनकर वापस आता रहेगा? देश को आत्मनिर्भर बनाना है और इसका मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, हमारी क्षमता, हमारी रचनात्मकता और कौशल को बढ़ाना भी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा संकल्प केवल ‘मेक इन इंडिया नहीं है बल्कि मेक फॉर वर्ल्ड (दुनिया के लिये विनिर्माण) है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘आज दुनिया की बड़ी कंपनियां भारत की ओर देख रही हैं...अब हमें मेक इन इंडिया के साथ दुनिया के लिये विनिर्माण के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है।’’ उन्होंनेकहा कि भारत के युवा और उद्यमी विनिर्माण क्षेत्र में भी अपना झंडा गाड़ सकते है। उन्होंने उदाहरण दिया कि कोरोना संकट के दौरान देश एन-95 फेस मास्क, पीपीई किट और वेंटिलेटर के विनिर्माण के मामले में निर्यात अधिशेष वाला देश बना है। मोदी ने कहा, ‘‘भारत जो ठान लेता है, उसको कर दिखाता है।’’
उन्होंने कहा कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का मुख्य जोर 110 लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का पाइपलाइन तैयार करना है। ‘‘इसके तहत अलग-अलग क्षेत्रों की लगभग सात हजार परियोजनाओं को चिन्हित भी किया जा चुका है। यह बुनियादी ढांचा क्रांति की तरह होगा।’’ मोदी ने इंटरनेट प्रौगिकी के दौर में साइबर सुरक्षा को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार जल्द ही एक समन्वित राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति का खाका प्रस्तुत करेगी। प्रधानमंत्री ने लोगों से स्थानीय वस्तुओं का मान देने और उसका प्रचार-प्रसार करने को भी कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘वोकल फॉर लोकल, लोगों को हुनरमंद बनाने का अभियान, गरीबी की रेखा के नीचे रहने वालों के जीवनस्तर में सुधार लएगा और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था को गति देगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि भारत अपने सपने को पूरा करेगा। मुझे अपने देश के नागरिकों की क्षमता, संभावनाओं पर पूरा भरोसा है। एक बार हम निर्णय कर लेते हैं, हम जबतक उसे हासिल नहीं कर लेते, चैन से नहीं बैठते।’’ प्रधानमंत्री ने कोरोना योद्धाओं, स्वतंत्रता के आंदोलन में कुर्बानी देने वाले सभी सेनानियों और देश की रक्षा में शहादत देने वाले जवानों को भी याद किया और उन्हें नमन किया। इससे पहले लाल किले पहुंचने पर प्रधानमंत्री ने तिरंगा झंडा फहराया और देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। उन्होंने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धाजंलि अर्पित की।
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