By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 13, 2020
नयी दिल्ली। प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार को ‘पारदर्शी कराधान - ईमानदार का सम्मान’ मंच की शुरूआत करेंगे। उन्होंने कहा कि इसे हमारी कर प्रणाली में सुधार और उसे सरल बनाने के प्रयासों को और बल मिलेगा। प्रधानमंत्री करदाताओं के लिये कर-अनुपालन को और आसान बनाने तथा ईमानदारी से कर देने वालों को पुरस्कृत करने की दिशा में कर सुधारों के अगले चरण का उद्घाटन करेंगे। मोदी ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘बृहस्पतिवार, 13 अगस्त को पूर्वाह्न 11 बजे ‘पारदर्शी कराधान - ईमानदार का सम्मान’ मंच की शुरूआत की जाएगी। यह हमारी कर प्रणाली में सुधार और उसे सरल बनाने के प्रयासों को और मजबूती देगा। यह कई ईमानदार करदाताओं के लिये फायदेमंद होगा जिनकी कड़ी मेहनत देश को आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान करती है।’’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘वास्तव में, यह भारत के लिये सरल और पारदर्शी कराधान व्यवस्था उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।’’ बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये आयोजित किए जा रहे इस कार्यक्रम में विभिन्न उद्योग मंडल, व्यापार संगठन, चार्टर्ड एकाउंटेंट संघ और जाने-माने करदाता शामिल होंगे। हालांकि बयान में सुधारों के बारे में कुछ नहीं कहा गया है लेकिन मंच की शुरूआत के साथ पिछले छह साल में प्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर जो सुधार किये गये हैं, उसे और आगे ले जाने की उम्मीद है। सुधारों में पिछले वर्ष कंपनी कर की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत करना एवं नई विनिर्माण इकाइयों के लिए 15 प्रतिशत करना तथा लाभांश वितरण कर हटाना, अधिकारी और करदाताओं के आमना-सामना हुए बिना आकलन शामिल हैं।
बयान में कहा गया है, ‘‘कर सुधारों के तहत कर की दरों में कमी करने और प्रत्यक्ष कर कानूनों के सरलीकरण पर जोर रहा है। आयकर विभाग के कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए भी सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड्र) द्वारा कई पहल की गई हैं।’’ वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में करदाताओं के लिये चार्टर (घोषणापत्र) का ऐलान किया गया। इसके तहत उन्हें सांविधिक दर्जा दिये जाने और आयकर विभाग द्वारा नागरिकों को समयबद्ध सेवा के जरिये अधिकार संपन्न बनाये जाने की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा था कि चार्टर से करदाता और प्रशासन के बीच भरोसा सुनिश्चित होगा, उत्पीड़न समाप्त होगा। साथ ही इससे विभाग की दक्षता बढ़ेगी। बयान के अनुसार कर सुधारों में हाल ही में शुरू की गई दस्तावेज पहचान संख्या (डिन) के जरिए आधिकारिक संचार में अधिक पारदर्शिता लाना भी शामिल है। इसके तहत विभाग के हर संचार या पत्र-व्यवहार पर कंप्यूटर सृजित एक अनूठी दस्तावेज पहचान संख्या अंकित होती है। इसी तरह, करदाताओं के लिए अनुपालन को ज्यादा आसान करने के लिए आयकर विभाग अब पहले से ही भरे हुए आयकर रिटर्न फॉर्म प्रस्तुत करने लगा है, ताकि व्यक्तिगत करदाताओं के लिए अनुपालन को और भी अधिक सुविधाजनक बनाया जा सके। बयान के अनुसार स्टार्टअप्स के लिए भी अनुपालन मानदंडों को सरल बना दिया गया है। लंबित कर विवादों का समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से आयकर विभाग ने प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम भी प्रस्तुत किया है जिसके तहत वर्तमान में विवादों को निपटाने के लिए घोषणाएं दाखिल की जा रही हैं। करदाताओं की शिकायतों/मुकदमों में प्रभावकारी रूप से कमी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न अपीलीय न्यायालयों में विभागीय अपील दाखिल करने के लिए आरंभिक मौद्रिक सीमाएं भी बढ़ा दी गई हैं। बयान के अनुसार, ‘‘डिजिटल लेन-देन और भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक तरीकों को बढ़ावा देने के लिए भी कई उपाय किए गए हैं। यही नहीं, आयकर विभाग ने ‘कोविड काल’ में करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाने के लिए भी अनेक तरह के प्रयास किए हैं। इसके तहत रिटर्न दाखिल करने के लिए वैधानिक समयसीमा बढ़ा दी गई है और करदाताओं के हाथों में तरलता या नकदी प्रवाह बढ़ाने के लिए तेजी से रिफंड जारी किए गए हैं।