By अनुराग गुप्ता | Jan 28, 2021
जब PM मोदी अचानक कार्यालय पहुंचे
पूर्व उप राष्ट्रपति ने सभापति के तौर पर यह फैसला किया था कि वह हंगामे के बीच में कोई भी बिल पास नहीं करेंगे। किताब में उन्होंने हंगामे के बीच में बिल पास नहीं होने पर प्रधानमंत्री के अचानक कार्यालय आने की बात लिखी। किताब के मुताबिक भाजपा गठबंधन को लगता था कि अगर लोकसभा में उनके पास बहुमत है तो राज्यसभा में नैतिक अधिकार है कि बिना किसी बाधा के बिल पास हो जाए। उन्होंने आगे लिखा कि प्रधानमंत्री बिना किसी कार्यक्रम के अचानक से मेरे कार्यालय पहुंचे। मैं उन्हें देखकर हैरान था लेकिन मैंने उनका स्वागत किया।
अंग्रेजी समाचार पत्र द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक किताब में पूर्व उपराष्ट्रपति ने लिखा है कि उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी) कहा कि आपसे उच्च जिम्मेदारियों की अपेक्षा है मगर आप मेरी मदद नहीं कर रहे हैं। मैंने कहा कि राज्यसभा में और उसके बाहर मेरा काम जनता के सामने है। इसके आगे उप राष्ट्रपति ने लिखा कि प्रधानमंत्री ने मुझसे पूछा कि आप हंगामे के बीच में बिल पारित क्यों नहीं करा रहे हैं ? इतना ही नहीं पूर्व उप राष्ट्रपति ने किताब में प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के साथ असहज रिश्तों का भी उल्लेख किया है।