By अंकित सिंह | Sep 19, 2023
नए संसद भवन में कार्यवाही स्थानांतरित होने के बाद राज्यसभा में अपना संबोधन देते हुए कहा कि नई संसद सिर्फ बिल्डिंग नहीं, यह नई शुरूआत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में राज्यसभा की परिकल्पना उच्च सदन के रूप में की गई है। संविधान निर्माताओं का ये आशय रहा है कि ये सदन राजनीतिक आपाधापी से ऊपर उठकर गंभीर बौद्धिक विचार-विमर्श का केंद्र बने। उन्होंने कहा कि नया संसद भवन मात्र एक नई बिल्डिंग नहीं है, बल्कि ये एक नई शुरुआत का प्रतीक भी है। अमृतकाल की शुरुआत में ही इस भवन का निर्माण और यहां हम सबका प्रवेश अपने आप में देश के 140 करोड़ नागरिकों की आशा, आकांक्षाओं में नई ऊर्जा और नया विश्वास पैदा करेगा।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में कौन शासन में आएगा और कौन नहीं आएगा ये क्रम चलता रहता है। लेकिन जब भी देश के लिए विषय सामने आए, तो हम सबने राजनीति से ऊपर उठकर देश के हितों को सर्वोपरि रखते हुए कार्य करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि आज नया संसद भवन देश के लिए एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक फैसले का साक्षी बन रहा है। अभी लोकसभा में एक बिल पेश किया गया है। जो वहां पारित होने के बाद यहां भी आएगा। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में हमारे पास बहुमत नहीं था लेकिन हमें भरोसा था कि राज्यसभा राजनीतिक सोच से ऊपर उठकर देशहित में फैसले लेगी। आपकी (सांसदों) परिपक्वता के कारण हम कठिन निर्णय लेने में सक्षम हुए। आज के दिन को मोदी ने यादगार और ऐतिहासिक भी बताया।
मोदी ने कहा कि मैं आज राज्यसभा के सभी माननीय सांसद साथियों से आग्रह करने आया हूं कि जब भी बिल हमारे सामने आए, तो आप सब सर्वसम्मति से उसपर निर्णय करें। उन्होंने कहा कि हमारी आजादी की स्वर्णिम शताब्दी विकसित भारत की शताब्दी होगी। पुरानी संसद के समय में हमारी गिनती दुनिया की टॉप-5 अर्थव्यवस्थाओं में होती थी। लेकिन मुझे विश्वास है कि नई संसद में हम जल्द ही दुनिया की टॉप-3 अर्थव्यवस्थाओं में गिने जाएंगे। नरेंद्र मोदी ने कहा कि संघीय ढांचे ने दुनिया के सामने भारत की ताकत पेश की और दुनिया प्रभावित हुई...जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान अलग-अलग राज्यों में कई बैठकें हुईं। हर राज्य ने बड़े उत्साह से, अपने आतिथ्य से दुनिया को प्रभावित किया... यही हमारे संघीय ढांचे की ताकत है।