By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 25, 2024
नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नारी शक्ति की प्रशंसा की और कहा कि वे हर क्षेत्र में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात की 110वीं कड़ी में कहा कि आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस देश की विकास यात्रा में नारी शक्ति के योगदान को सलाम करने का अवसर है। उन्होंने कहा, ‘‘महान कवि भरतियार जी ने कहा है कि दुनिया तभी समृद्ध होगी जब महिलाओं को समान अवसर मिलेंगे। आज भारत की नारी शक्ति हर क्षेत्र में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रही है।’’ उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले तक किसने सोचा होगा कि भारत में भी गांवों में रहने वाली महिलाएं ड्रोन उड़ाएंगी। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आज यह संभव हो रहा है। आज हर गांव में ड्रोन दीदी की कितनी चर्चा है। नमो ड्रोन दीदी, नमो ड्रोन दीदी हर किसी की जुबान पर है।’’
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के सीतापुर की ड्रोन दीदी सुनीता से भी बात की। सुनिता ने अपने ड्रोन प्रशिक्षण के बारे में बात की और बताया कि यह खेती में कैसे मदद करता है। मोदी ने कहा, ‘‘आज देश में कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां नारी शक्ति पीछे रह गई हो। एक अन्य क्षेत्र जहां महिलाओं ने अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया है, वह प्राकृतिक खेती, जल संरक्षण और स्वच्छता है।’’ उन्होंने कहा कि देश की मातृशक्ति धरती मां को बचाने में बड़ी भूमिका निभा रही है जो रसायनों के कारण पीड़ा और कठिनाइयों का सामना कर रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘महिलाएं अब प्राकृतिक खेती को देश के हर कोने में पहुंचा रही हैं। आज अगर जल जीवन मिशन के तहत देश में इतना काम हो रहा है तो उसमें जल समितियों की बड़ी भूमिका रही है। इन जल समितियों का नेतृत्व केवल महिलाओं के पास है।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा बहनें-बेटियां जल संरक्षण के लिए भरसक प्रयास कर रही हैं। मोदी ने महाराष्ट्र की कल्याणी प्रफुल्ल पाटिल से भी बात की और प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ने के लिए उनके काम की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे सुनीता जी हों या कल्याणी जी, विभिन्न क्षेत्रों में नारी शक्ति की सफलता बहुत प्रेरणादायक है। मैं एक बार फिर हमारी नारी शक्ति की इस भावना की हृदय से सराहना करता हूं।’’
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने लोगों के जीवन में प्रौद्योगिकी के बढ़ते महत्व के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, ‘‘मोबाइल फोन और डिजिटल गैजेट्स हर किसी के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं ... डिजिटल गैजेट्स की मदद से अब हमें जंगली जानवरों के साथ संतुलन बनाने में मदद मिल रही है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिनों बाद तीन मार्च को ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ है। उन्होंने कहा कि यह दिवस जंगली जानवरों के संरक्षण पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘इस वर्ष, विश्व वन्यजीव दिवस की थीम में डिजिटल नवाचार को सर्वोपरि रखा गया है। आपको यह जानकर खुशी होगी कि हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी का भरपूर इस्तेमाल हो रहा है।’’
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरकार के प्रयासों से देश में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के चंद्रपुर के बाघ अभयारण्य में बाघों की संख्या बढ़कर 250 से अधिक हो गई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चंद्रपुर जिले में इंसानों और बाघों के बीच संघर्ष को कम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम मेधा) की मदद ली जा रही है। गांवों और जंगल की सीमा पर कैमरे लगाए गए हैं। जब भी कोई बाघ गांव के पास आता है तो स्थानीय लोगों को एआई की मदद से उनके मोबाइल फोन पर अलर्ट मिलता है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज इस प्रणाली ने इस बाघ अभयारण्य के आसपास के 13 गांवों में लोगों की सुविधा सुनिश्चित की है और बाघों को सुरक्षा भी मिली है। मोदी ने कहा कि युवा उद्यमी वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण पर्यटन के लिए नये नवोन्मेषों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के रुड़की में, रोटर प्रिसिजन ग्रुप ने भारतीय वन्यजीव संस्थान के साथ मिलकर एक ड्रोन विकसित किया है जो केन नदी में मगरमच्छों पर नजर रखने में मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसी तरह बेंगलुरु की एक कंपनी ने दो मोबाइल ऐप ‘बघीरा’ और ‘गरुड़’ बनाए हैं। मोदी ने कहा कि बघीरा ऐप के साथ जंगल सफारी के दौरान वाहन की गति और अन्य गतिविधियों की निगरानी की जा सकती है और गरुड़ ऐप किसी भी सीसीटीवी से कनेक्ट होने पर वास्तविक समय अलर्ट प्रदान करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ का उपयोग करता है।
उन्होंने कहा कि वन्यजीव संरक्षण की दिशा में इस तरह के हर प्रयास के साथ, देश की जैव विविधता समृद्ध होती जा रही है। मोदी ने अपने संबोधन में कंटेंट क्रिएट करने वाले युवाओं की आवाज के बारे में भी बात की और कहा कि यह आज बहुत प्रभावी हो गई है। उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिभा का सम्मान करने के लिए देश में नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड की शुरुआत की गई है और इसके तहत अलग-अलग श्रेणियों में उन चेंज मेकर्स को सम्मानित करने की तैयारी की जा रही है जो सामाजिक बदलाव की प्रभावी आवाज बनने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं। मोदी ने कहा, यह प्रतियोगिता माई गॉव पोर्टल पर चल रही है और मैं कंटेंट क्रिएटर्स से इसमें जुड़ने का आग्रह करूंगा। अगर आप भी ऐसे दिलचस्प कंटेंट क्रिएटर्स को जानते हैं तो उन्हें नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट जरूर करें।