By अंकित सिंह | Sep 30, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे का आज दूसरा दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में आज वंदे भारत और मेट्रो परियोजना के फेस वन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि 21वीं सदी के भारत, अर्बन कनेक्टिविटी और आत्मनिर्भर होते भारत के लिए बड़ा दिन है। मैंने गांधीनगर-मुंबई वन्दे भारत एक्सप्रेस का तेज़ रफ्तार सफर का अनुभव किया। मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के भारत को देश के शहरों से नई गति मिलने वाली है। बदलते हुए समय, बदलती हुई जरूरतों के साथ अपने शहरों को भी निरंतर आधुनिक बनाना जरूरी है। शहर में यातायात का व्यवस्था आधुनिक हो, निर्बाध कनेक्टिविटी हो, यातायात का एक साधन दूसरे को सपोर्ट करे, ये किया जाना आवश्यक है।
मोदी ने कहा कि आज गांधीनगर का रेलवे स्टेशन दुनिया के किसी भी एयरपोर्ट से कम नहीं है। भारत सरकार ने अहमदाबाद रेलवे स्टेशन को भी आधुनिक बनाने की स्वीकृति दे दी है। उन्होंने कहा कि देश के शहरों के विकास पर इतना अधिक फोकस, इतना बड़ा निवेश इसलिए किया जा रहा है क्योंकि ये शहर, आने वाले 25 साल में विकसित भारत के निर्माण को सुनिश्चित करने वाले हैं। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि पुराने शहरों में सुधार और उनके विस्तार पर फोकस के साथ-साथ ऐसे नए शहरों का निर्माण भी किया जा रहा है, जो ग्लोबल बिजनेस डिमांड के अनुसार तैयार हो रहे हैं। गिफ्ट सिटी भी इस प्रकार के प्लग एंड प्ले सुविधाओं वाले शहरों का बहुत उत्तम उदाहरण हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि गांधीनगर-अहमदाबाद एक जुड़वां शहर कैसे विकसित होता है इसका एक बड़ा उदाहरण है। इसी मॉडल का अनुसरण करते हुए गुजरात में विभिन्न जुड़वां शहरों का विकास किया जा रहा है। लोग अब तक न्यूयॉर्क-न्यू जर्सी की बात करते थे। मेरा भारत पीछे नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि 8 वर्षों में एक के बाद एक देश के 2 दर्ज़नों से ज़्यादा शहरों में मेट्रो या तो शुरू हो चुकी है या तेज़ी से काम चल रहा है। देश के दर्ज़नों छोटे शहरों को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ा गया है। 'उड़ान' योजना छोटे शहरों में हवाई सुविधा देने में अहम भुमिका निभा रही है।
मोदी ने कहा कि अहमदाबाद और मुंबई के बीच शुरू हुई वंदे भारत ट्रेन से देश के दो बड़े शहरों के बीच सफर को आरामदायक भी बनाएगी और दूरी को भी कम करेगी। शहरों के हमारे गरीब, मिडिल क्लास के साथियों को धुएं वाली बसों से मुक्ति मिले, इसके लिए इलेक्ट्रिक बसों के निर्माण और संचालन के लिए हमने FAMEयोजना शुरू की। इस योजना के तहत अभी तक देश में 7 हज़ार से अधिक इलेक्ट्रिक बसों को स्वीकृति दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि आज का भारत स्पीड को, गति को, जरूरी मानता है, तेज विकास की गारंटी मानता है। गति को लेकर ये आग्रह आज गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान में भी दिखता है, नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी में भी दिखता है, और हमारे रेलवे की गति को बढ़ाने के अभियान में भी स्पष्ट होता है।