नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज इजराइली रक्षा क्षेत्र की कंपनियों को भारत में स्थानीय कंपनियों के साथ मिलकर भारत में ही उत्पादन कार्य करने के लिये आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री ने भारत यात्रा पर आए इजराइल के प्रधानमं बेंजामिन नेतन्याहू के साथ महत्वपूर्ण सामरिक मुद्दों पर विस्तृत बातचीत की। इजराइली प्रधानमंत्री ने मोदी को ‘क्रांतिकारी नेता’ बताया।
दोनों देशों के बीच इससे पहले साइबर सुरक्षा और तेल एवं गैस सहित विभिन्न अहम क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये। यह समझौते दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की विस्तृत बातचीत के बाद किये गये। बातचीत के दौरान यरुशलम के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में भारत द्वारा इजराइल के खिलाफ मतदान करने का मुद्दा भी उठा। इस बारे में भारतीय अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि दोनों नेता इस बात पर सहमत थे कि भारत-इजराइल संबंध ‘किसी एक मुद्दे से तय नहीं होते हैं।’
भारत ने यरूशलम को इजराइल की राजधानी घोषित करने के अमेरिका के फैसले के विरोध में संयुक्त राष्ट्र में पिछले महीने लाये गये प्रस्ताव के समर्थन में मत दिया था। भारत के साथ दुनिया के 127 अन्य देशों ने विरोध प्रस्ताव का समर्थन किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने नेतन्याहू के साथ अपनी बातचीत को ‘व्यापक व गहन’ बताते हुये कहा कि उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा की और इस बात पर सहमति जताई कि उनके बीच जो भी संभावनायें और अवसर दिखते हैं उनका लाभ उठाया जाना चाहिये।
द्विपक्षीय बैठक के बाद आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने कहा, ‘हम हमारे लोगों के जीवन को संवारने वाले क्षेत्रों में सहयोग के मौजूदा स्तंभों को और मजबूत बनायेंगे। इन क्षेत्रों में कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और सुरक्षा के क्षेत्र है। रक्षा क्षेत्र में मैंने इजराइली कंपनियों को भारत की उदार एफडीआई नीति का लाभ उठाने के लिये आमंत्रित किया है ताकि वे हमारी कंपनियों के साथ मिलकर भारत में और भी ज्यादा उत्पादन करें।’