By अभिनय आकाश | Feb 12, 2024
कर्पूरी ठाकुर के परिवार के सदस्यों ने आज पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें भारत रत्न देने के लिए धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने इसकी तस्वीर अपने सोशल मीडिया अकाउंट से साझा की है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत रत्न से सम्मानित जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के परिजनों से मिलकर बहुत खुशी हुई। कर्पूरी जी समाज के पिछड़े और वंचित वर्गों के मसीहा रहे हैं, जिनका जीवन और आदर्श देशवासियों को निरंतर प्रेरित करता रहेगा।
केंद्र ने किया भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रख्यात समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को केंद्र द्वारा भारत रत्न से सम्मानित करने के फैसले के बाद समस्तीपुर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव में जश्न का माहौल है। भारत सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत ‘‘भारत रत्न’’ से सम्मानित करने का फैसला किया है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंगलवार को इसकी घोषणा की गई। यह घोषणा कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती से एक दिन पहले की गई।
कौन थे कर्पूरी ठाकुर
बिहार के समस्तीपुर जिले के एक छोटे से गाँव के रहने वाले ठाकुर एक स्वतंत्रता सेनानी थे और 1924 में अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें जेल में डाल दिया गया था। 1952 में ठाकुर पहली बार विधायक बने और राज्य स्तर पर उनकी चुनाव जीतने की लय 1985 तक जारी रही। 'जन नायक' के नाम से जाने जाने वाले कर्पूरी ठाकुर दो बार 1970 में (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के साथ) ) और 1977 (जनता पार्टी के साथ) बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। कर्पूरी ठाकुर जनता पार्टी के नेता के तौर पर जून 1977 को बिहार के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने मुख्यमंत्री बनते ही पिछड़ों को आरक्षण के वादे को पूरा करने का काम शुरू किया। जिसकी वजह से वो अपनी ही पार्टी के अंदर आलोचना का शिकार होने लगे। हां तक की जेपी पर भी कर्पूरी ठाकुर से नाराजगी की बात कही गई थी। मुख्यमंत्री बनते ही उनहोंने 27 फीसदी आरक्षण पिछड़ों को दे दिया था। ये उनकी सोच थी।