Kashi Vishwanath Corridor | PM Modi ने काशी विश्वनाथ मंदिर में की भगवान शिव की पूजा-अर्चना

By रेनू तिवारी | Dec 13, 2021

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी पहुंचने और उन्होंने काल भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना की। पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में गंगा नदी में की पवित्र डुबकी लगयी। पीएम मोदी काशी विश्वनाथ धाम के सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्यों का लोकार्पण करेंगे। 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की।

लोगों को काशी विश्वनाथ गलियारा समर्पित करने हेतु सोमवार को काशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए बनारस की कला एवं सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाले विशाल भित्ति चित्र बनाए गए हैं और काशी विश्वनाथ मंदिर स्थल के पास कई इमारतों को रोशन किया गया है। करीब 339 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन मुख्य कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देश के 51,000 स्थानों पर बड़े पर्दे पर होगा। पुरातन संस्कृति को पुनर्स्थापित करने वाले इस आयोजन का संपूर्ण भारत साक्षी बनेगा और पार्टी दिव्य काशी- भव्य काशी कार्यक्रम के रूप में इसे देश भर में मनाएगी।

काशी विश्वनाथ धाम के सौंदर्यीकरण 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ धाम के सौंदर्यीकरण एवं समग्र विकास के कार्यों का लोकार्पण करने के दिन मध्यप्रदेश के मठ-मंदिरों एवं दोनों ज्योतिर्लिंगों में 13 दिसंबर को ‘दिव्य काशी-भव्य काशी’ संबंधी कार्यक्रम होंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्य प्रदेश इकाई के मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने कहा कि ‘‘दिव्य काशी-भव्य काशी कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश के सभी 57 संगठनात्मक जिलों एवं 1,070 मंडलों में भी कार्यक्रम होंगे। प्रदेश में स्थित दोनों ज्योतिर्लिंगों (महाकालेश्वर उज्जैन एवं ओंकारेश्वर) एवं प्रमुख शिव मंदिरों के साथ-साथ अन्य मठ-मंदिरों में यह कार्यक्रम होंगे, जिसकी व्यापक तैयारियां पार्टी ने की है।’’ पाराशर ने बताया कि इसमें सभी धर्माचार्य, सासंद, विधायक एवं जनप्रतिनिधि शामिल होंगे और इस कार्यक्रम का सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाइव प्रसारण होगा।


काशी विश्वनाथ गलियारे लोगों को पीएम मोदी करेंगे समर्पित

भारत और विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने वाले प्राचीन मंदिर में प्रार्थना करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी महत्वाकांक्षी काशी विश्वनाथ गलियारे को लोगों को समर्पित करेंगे। इस कार्यक्रम की तैयारी के लिए रविवार देर रात तक निर्माण कर्मी पत्थरों को चमकाने में व्यस्त रहे, श्रमिकों ने मंदिर परिसरों को विशेषकर गेंदे के फूलों से सजाया और कर्मचारी ललिता घाट को तैयार करने के लिए तमाम व्यवस्थाएं करने में जुटे रहे। इस कार्यक्रम के मद्देनजर यहां के अधिकांश निवासियों और घरेलू पर्यटकों में उत्साह है, जिसे देखते हुए वाराणसी में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ‘दिव्य काशी, भव्य काशी’ नामक उद्घाटन समारोह को लेकर उत्साह के कारण गोदौलिया चौक के निकट सड़कों पर ‘‘शिव बारात’’ निकाली गई। इलाके में कई होटल मालिकों ने अपने होटल को रोशन किया है। 


काशी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है

एक होटल मालिक ने कहा, ‘‘यह काशी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है और हम भाग्यशाली हैं कि हम इसका हिस्सा हैं।’’ मंदिर स्थल पर भी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के कर्मचारी और अन्य कर्मी सोमवार का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कई लोगों को पुराने मंदिर या पारंपरिक शिल्प कौशल का इस्तेमाल करके बनाए गए चार नए द्वारों के आगे खड़े होकर तस्वीरें लेता देखा गया। गोदौलिया चौक में कपड़ों की एक दुकान के मालिक अनिल केशरी ने कहा, ‘‘बनारस संस्कृति का दिल, सभ्यता का पालना और काशी विश्वनाथ की नगरी है।’’ उन्होंने ‘शोभा यात्रा’ के पोस्टर की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘इस खूबसूरत सजावट को देखिए। मैं बहुत खुश हूं और नए गलियारे से निश्चित ही पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे मेरे शहर और भारत का गौरव बढ़ेगा।’’ बाबतपुर में वाराणसी हवाई अड्डे के पास एक पुल की दीवारों को भित्ति चित्रों से सजाया गया है, जिसमें गंगा की आरती, काशी विश्वनाथ मंदिर, बनारस के घाट और शहर की अन्य विरासत को चित्रित किया गया है, जो 2014 से मोदी का संसदीय क्षेत्र है।


नए गलियारे का निर्माण एक चमत्कारी क्षण

मंदिर के मुख्य पुजारी श्रीकांत मिश्रा ने कहा, ‘‘नए गलियारे का निर्माण एक चमत्कारी क्षण है। इस शहर में काशी विश्वनाथ बाबा की अनुमति के बिना कुछ भी नहीं होता। यह उनका शहर है। निर्माण, विनाश, पुनर्निर्माण, सब उनकी इच्छा है।’’ प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में बताया कि परियोजना के पहले चरण में 23 इमारतों का उद्घाटन किया जाएगा। ये इमारतें तीर्थयात्रियों को सुविधा केंद्र, वैदिक केंद्र, मुमुक्षु भवन, भोगशाला, शहर संग्रहालय और फूड कोर्ट सहित कई सुविधाएं प्रदान करेंगी। यह परियोजना लगभग पांच लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में फैली है, जबकि पहले यह परिसर लगभग 3,000 वर्ग फुट तक ही सीमित था। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बावजूद परियोजना का काम समय पर पूरा हो गया।


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