By अभिनय आकाश | Aug 28, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्निर्मित परिसर को राष्ट्र को समर्पित किया। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जलियांवाला बाग की पवित्र मिट्टी को मेरा अनेक-अनेक प्रणाम। वो मासूम बालक-बालिकाएं, वो बहनें, वो भाई, जिनके सपने आज भी जलियांवाला बाग की दीवारों में अंकित गोलियों के निशान में दिखते हैं। वो शहीद कुआं, जहां अनगिनत माताओं-बहनों की ममता छीन ली गई, उनका जीवन छीन लिया गया। उनके संपनों को रौंदा गया। उन सभी को आज हम याद कर रहे हैं। जलियांवाला बाग वो स्थान है जिसने सरदार उधम सिंह, सरदार भगत सिंह जैसे अनगिनत क्रांतिवीरों, बलिदानियों, सेनानियों को हिंदुस्तान की आज़ादी के लिए मर-मिटने का हौसला दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि जलियांवाला बाग जैसी ही एक और विभीषिका हमने भारत विभाजन के समय भी देखी। पंजाब के परिश्रमी और जिंदादिल लोग तो विभाजन के बहुत बड़े भुक्तभोगी रहे हैं। विभाजन के समय जो कुछ भी हुआ, उसकी पीड़ा आज भी हिंदुस्तान के हर कोने में और विशेषकर पंजाब के परिवारों में हम अनुभव करते हैं।किसी भी देश के लिए अपने अतीत की ऐसी विभीषिकाओं को नजरअंदाज़ करना सही नहीं है। इसलिए भारत ने 14 अगस्त को हर साल ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने का फ़ैसला किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' आने वाली पीढ़ियों को भी याद दिलाएगी कि कितनी बड़ी कीमत चुकाकर हमें स्वतंत्रता मिली है। वो उस दर्द और तकलीफ़ को भी समझ सकेंगे जो विभाजन के समय करोड़ों भारतीयों ने सही थी। उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब के परिश्रमी और जिंदादिल लोग भी विभाजन के बहुत बड़े भुक्तभोगी रहे। विभाजन के समय जो कुछ हुआ, उसकी पीड़ा आज भी हिंदुस्तान के हर कोने में और विशेषकर पंजाब के परिवारों में हम अनुभव करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि किसी भी देश के लिए अपने अतीत की ऐसी विभीषिकाओं को नजरअंदाज करना सही नहीं है, इसलिए भारत ने 14 अगस्त को हर वर्ष विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी का यह अमृतकाल पूरे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इस दौर में विरासत और विकास को साथ लेकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि पंजाब की धरती हमेशा-हमेशा से इसकी प्रेरणा देती रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आज यह जरूरी है कि पंजाब हर स्तर पर प्रगति करे, हमारा देश चहुं दिशा में प्रगति करे। इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास की भावना के साथ-साथ हमें काम करते रहना होगा।’’ प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि जलियांवाला बाग की धरती देश के संकल्पों के लिए सतत ऊर्जा देती रहेगी और देश अपने लक्ष्यों को जल्द पूरा करेगा। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने अमृतसर में जलियांवाला बाग स्मारक स्थल पर विकसित कुछ संग्रहालय दीर्घाओं का भी उद्घाटन किया। लंबे समय से बेकार पड़ी और कम उपयोग वाली इमारतों का दोबारा अनुकूल इस्तेमाल सुनिश्चित करते हुए चार संग्रहालय दीर्घाएं निर्मित की गई हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक यह दीर्घाएं उस अवधि के दौरान पंजाब में घटित विभिन्न घटनाओं के विशेष ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती हैं। इन घटनाओं को दिखाने के लिए श्रव्य-दृश्य प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रस्तुति की व्यवस्था है, जिसमें मैपिंग और थ्री डी चित्रण के साथ-साथ कला एवं मूर्तिकला अधिष्ठापन भी शामिल हैं। पीएमओ के अनुसार जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को घटित विभिन्न घटनाओं को दर्शाने के लिए एक साउंड एंड लाइट शो की व्यवस्था की गई है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी, कई केंद्रीय मंत्री, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित हरियाणा, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए।